जुबिली स्पेशल डेस्क
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आखिरी जजमेंट में बुलडोजर एक्शन को लेकर बड़ा बयान देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है।
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि कानून के शासन में बुलडोजर के जरिए न्याय स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि किसी की संपत्ति को नष्ट करके उसे न्याय नहीं दिया जा सकता है।
बुलडोजर चलाने की धमकी देकर लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। यह कानून की नजर में सही नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि, नागरिकों की आवाज को उनकी संपत्तियों और घरों को नष्ट करने की धमकी देकर नहीं दबाया जा सकता. एक इंसान के पास जो अंतिम सुरक्षा होती है, वह उसका घर है। कानून निस्संदेह सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण को उचित नहीं ठहराता।
उन्होंने कहा कि, बुलडोजर जस्टिस कानून के शासन के तहत बिल्कुल अस्वीकार्य है। अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो अनुच्छेद 300 ए के तहत संपत्ति के अधिकार की संवैधानिक मान्यता एक डेड लैटर बन जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का शुक्रवार को अतिम कार्य दिवस था। वह रविवार, 10 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह जस्टिस संजीव खन्ना भारत के नए मुख्य न्यायाधीश होंगे, जो कि सोमवार से पद संभालेंगे।