जुबिली स्पेशल डेस्क
कांग्रेस के पूर्व नेता और संभल स्थित कल्कि धाम के प्रमुख आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जब से कांग्रेस ने छोड़ा है तब वो देश की सबसे पुरानी पार्टी पर हमलावर है।
उन्होंने कांग्रेस का घोषणा पत्र पर सवाल उठाया है और कहा है ये ये महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं जिन्ना की कांग्रेस है. ये घोषणापत्र मल्लिकार्जुन खरगे का घोषणा पत्र नहीं जिन्ना का घोषणापत्र लगता है।
बता दें कि कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र छह अप्रैल को जारी किया था। इस घोषणापत्र में ऐसा बहुत कुछ जिससे बीजेपी को थोड़ी टेंशन आ सकती है। इस घोषणापत्र में पार्टी ने 5 न्याय, 25 गारंटी के साथ 300 से ज्यादा वादे किए हैं। इसके अलावा 48 पेज के इस मेनिफेस्टो में पार्टी ने किसान, यूथ, महिलाओं, बुजुर्ग और युवाओं पर पूरा फोकस किया गया है जबकि इसमें ‘एक देश, एक चुनाव’ का भी विरोध किया है।
ऐसा नहीं है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र पर सवाल उठाया है बल्कि पीएम मोदी ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर सवाल उठाते हुए इसकी तुलना मुस्लिम लीग से कर चुके हैं। कांग्रेस ने इसको लेकर चुनाव आयोग पहुंचकर इसकी शिकायत भी की थी। पीएम मोदी ने नवादा, सहारनपुर और पुष्कर की रैलियों में कांग्रेस के घोषणा-पत्र (न्याय पत्र) को पूरी तरह से मुस्लिम लीग की छाप वाला बताया था। साथ ही यह भी कहा था कि न्याय पत्र का जो हिस्सा बचा हुआ है, उस पर वामपंथियों का प्रभाव है।
वहीं प्रमोद कृष्णम कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रहे हैं और उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने वित्तीय लेनदेन की बढ़ती जांच को लेकर हमला बोलते हुए कहा था कि देश का पैसा लूट लिया गया है और इसलिए पार्टी को जांच से निपटना होगा।
कांग्रेस पार्टी को करीब 1700 करोड़ रुपये के आयकर नोटिस पर प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि कांग्रेस नेताओं को बताना चाहिए कि उन्हें इतना बड़ा नोटिस क्यों मिला है।
इतना पैसा कहां से आया? एक अपराधी कभी अपना अपराध स्वीकार नहीं करता है। देश का पैसा लूटा गया है और यह एक सच्चाई है. जब इस लूट की जांच की जा रही है तो उन्हें जांच का सामना करना चाहिए। उन्हें भारत की न्यायपालिका पर विश्वास होना चाहिए।