जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव अब खत्म हो गया है और नई सरकार का गठन हो गया है। बीजेपी को बहुमत नहीं मिला और इस वजह से बीजेपी को अपने सहयोगियों के सहारे नई सरकार को गठन करना पड़ा है और तीसरी बार सत्ता में आई है।
अब सवाल है कि लोकसभा स्पीकर कौन होगा, इसको लेकर कयासों का दौर जारी है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने साफ कर दिया है कि बीजेपी जो भी फैसला लेगी वो उसके साथ होगी लेकिन टीडीपी ने इस मामले में कुछ और कहा है।
चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने कहा हैं कि गठबंधन में सभी सभी दलों की सहमति से उम्मीदवार का चयन करना चाहिए. टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने सर्वसम्मति वाले उम्मीदवार को ही स्पीकर का पद मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘इसको लेकर एनडीए के सहयोगी एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि स्पीकर के लिए हमारा उम्मीदवार कौन होगा।
आम सहमति बनने के बाद ही उम्मीदवार उतारा जाएगा और टीडीपी सहित सभी सहयोगी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।जनता दल (यूनाइटेड) के नेता केसी त्यागी ने शनिवार को कहा कि जेडीयू और टीडीपी एनडीए में सहयोगी हैं और वे भारतीय जनता पार्टी द्वारा नामित उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने निशाना साधते हुए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था, ‘लोकसभा स्पीकर पद के चुनाव की ओर केवल TDP एवं JDU ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता उत्सुकता से देख रही है।
यदि भाजपा के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो उन्हें स्पीकर का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए। गठबंधन धर्म को निभाते हुए 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में TDP व शिवसेना के स्पीकर एवं UPA सरकार में 2004 से 2009 तक CPI(M) के स्पीकर रहे और अच्छे से लोकसभा का प्रबंधन हुआ।’
लोकसभा स्पीकर कौन होगा, इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि एनडीए और टीडीपी मजबूत है तो ऐसे में इन दोनों में से किसी एक पार्टी का लोकसभा स्पीकर हो सकता है लेकिन बीजेपी की नजर लोकसभा स्पीकर के पद पर है।
दूसरी तरफ विपक्ष भी लोकसभा स्पीकर को लेकर अलग रणनीति बना रहा है। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है और 26 जून को लोकसभा के नये अध्यक्ष का चयन किया जायेगा।
जानकारी मिल रही है कि विपक्ष भी अपना स्पीकर चाहता है और वो अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकता है। एनडीए को 293 मिली थी जबकि विपक्ष को 234 सीटें मिली हैं।