न्यूज डेस्क
बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। इसलिए आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरु हो गई। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चुनौती पेश करने में जुट गए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अपने मेनिफेस्टो में शराबबंदी शामिल किया था। सत्ता में आने के बाद उन्होंने इसे लागू भी किया। इस योजना के चलते ही बिहार की महिलाओं के बीच में नीतीश कुमार का कद बढ़ा। आज भी कहा जाता है कि नीतीश को राज्य की महिलाओं का समर्थन है।
फिलहाल शराबबंदी कानून को लेकर उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। कुशवाहा ने कहा कैसी शराबबंदी? अब तो लोगों के घर पर शराब की डिलेवरी हो रही है।
वहीं जीतनराम मांझी ने तो नीतीश कुमार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि जिन्हें लगता है बिहार में शराबबंदी है, वे मंत्रियों और अधिकारियों के यहां छापेमारी करें। यदि मंत्री और अधिकारियों के घर शराब नहीं मिली तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
सोमवार को राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में नीतीश का शराबबंदी कानून पूरी तरह से फेल हो गया है। आलम यह है कि शराबबंदी के बाद अब लोगों को उनके घर पर ही बैठे-बैठे शराब मिल जाती है। इस कानून के नाम पर नीतीश कुमार झूठ की प्रसिद्धि पाने की कोशिश कर रहे हैं।
इधर, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार के मंत्रियों से लेकर अफसरों तक के यहां छापेमारी हो जाए तो इस कानून की सारी हकीकत सबके सामने आ जाएगी। शराबबंदी कानून सिर्फ गरीब, दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को प्रताडि़त करने के लिए बना है, क्योंकि इस कानून के जो लोग शराब पीने के आरोप में पकड़ कर जेल भेजे गए हैं उनमें से अधिकांश इसी तबके से आते हैं।
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मांझी ने तंज कसते हुए कहा जिन लोगों को लगता है कि शराबबंदी कानून सफल रहा है उन लोगों को सही मायने में मानसिक इलाज की दरकार है, क्योंकि बच्चा-बच्चा जानता है कि बिहार में हर जगह आसानी से शराब मिल रही है।
गौरतलब है कि इस बारे में बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने भी माना है कि शराबबंदी में ढिलाई की वजह से कई जगहों पर शराब की तस्करी और खरीद-बिक्री की जा रही है। डीजीपी ने इस मामले में अपने ही महकमे की लापरवाही बतायी है।
उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के बाद अब पूरे देश में शराबबंदी की वकालत कर रहे हैं। दिल्ली में एक आयोजन के दौरान उन्होंने बिहार में शराबबंदी की सराहना करते हुए कहा कि शराबबंदी के बाद हालात में सामाजिक बदलाव आया है और पूरे देश में शराबबंदी कर देनी चाहिए। महात्मा गांधी का ये सपना था।
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