जुबिली स्पेशल डेस्क
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में एक बार फिर घमासान मचता हुआ दिख रहा है। दरअसल कई महीनों से पार्टी के अंदर ही एक नया विवाद देखने को मिल रहा है।
इसका का सबसे बड़ा कारण है कि ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक के सहयोगी पार्टी नेताओं के बीच मतभेद। इस वजह से पार्टी के दो खेमे होते हुए नजर आ रहे हैं। आलम तो ये हैं कि अब तक इस मामले को सुलक्षाया नहीं जा सका है।
इसका सबसे बड़ा कारण अभिषेक बनर्जी कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में टीएमसी सरकार के रवैये की आलोचना करने वाले कलाकारों के बहिष्कार के मुद्दे पर पार्टी के कुछ नेताओं से असहमत थे।
टीएमसी में बुआ-भतीजे से बीच हाल के दिनों में खुलकर खींचतान देखने को मिल रही है। अभिषेक बनर्जी ने उन कलाकारों के बहिष्कार के मुद्दे पर पार्टी के कुछ नेताओं से असहमति जताई, जो कोलकाता के आरजी कर अस्पताल केस में टीएमसी सरकार की आलोचना कर रहे थे।
इसके बाद ममता बनर्जी इस मामले पर कड़ा रूख अपनाते हुए भतीजे के करीबी माने जाने वाले मंत्रियों पर जमकर आलोचना की। इसके बाद ममता और भतीेजे के बीच और ज्यादा खटास देखने को मिली।
ममता बनर्जी ने शिक्षा मंत्री बसु से पूछा, ‘मुझे मीडिया रिपोर्टों से पता चला कि प्राथमिक स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली शुरू की जा रही है। मुझे और मुख्य सचिव को सूचित किए बिना ब्रत्य ने इस तरह का नीतिगत निर्णय कैसे लिया?’ उन्होंने परिवहन विभाग की खिंचाई करते हुए कहा, ‘क्या मंत्री या सचिव कभी सड़कों पर यह देखने के लिए जाते हैं कि आम लोगों को क्या हो रहा है?’
कुल मिलाकर देखा जाये तो ममता बनर्जी लगातार अपने मंत्रियों को कंट्रोल कर रही है। इतना ही नहीं उनके बयानों की समीझा कर रही है और अभिषेक बनर्जी को लेकर भी वो पूरी तरह अलर्ट नजर आ रही है।