जुबिली न्यूज डेस्क
ब तक मंत्री पद पर अजय मिश्रा के बने रहने को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने कहा है कि साल 2014 से पहले ये हुआ होता तो अजय मिश्रा को अगले दिन ही इस्तीफा देना पड़ता और हिंसा के तुंरत बाद उनके बेटे की गिरफ्तारी हो चुकी होती।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में कापड़ी ने लिखा, ‘2014 से पहले का मीडिया होता तो नरसंहार के दिन ही मोनू गिरफ्तार होता और अगले दिन ही पिता की कैबिनेट से छुट्टी हो चुकी होती।’
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फिल्म मेकर विनोद कापड़ी का ये भी कहना है कि अगर उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में यूपी सरकार और पुलिस को फटकार नहीं लगाई होती तो गिरफ्तारी संभव नहीं थी।
उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट का दखल नहीं होता तो इस मोनू का कुछ नहीं होने वाला था।’
सुप्रीम कोर्ट का दखल नहीं होता तो इस मोनू का कुछ नहीं होने वाला था।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) October 9, 2021
वहीं बॉलीवुड डायरेक्टर अविनाश दास ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें एक पुलिस वाला गिरफ्तार आशीष मिश्रा के लिए नाश्ता ले जाता हुआ दिख रहा है।
वीडियो शेयर करते हुए अविनाश ने तंज किया है, ‘मंत्री का बेटा गिरफ्तार हुआ है या ससुराल आया है? समोसे जलेबी से खातिरदारी क्यों हो रही है? कोई बताएगा?’
मंत्री का बेटा गिरफ़्तार हुआ है या ससुराल आया है? समोसे जलेबी से ख़ातिरदारी क्यों हो रही है? कोई बताएगा? pic.twitter.com/CZSXmrjB2f
— Avinash Das (@avinashonly) October 10, 2021
इस मामले पर पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह भी लगातार अपनी आवाज उठाते आए हैं। आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के लिए उन्होंने शीर्ष अदालत को शुक्रिया कहा है और अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘शुक्रिया सुप्रीम कोर्ट, मोनू मिश्रा को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए। अब मंत्री टेनी जाना चाहिए।’
सूर्य प्रताप सिंह ने अपने एक और ट्वीट में लिखा, ‘बस चुप न रहो, वो भी जाएगा।’
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई हुई थी जहां अदालत ने यूपी की सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा था कि अब तक मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई।
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इसके बाद शनिवार को आशीष मिश्रा पूछताछ के लिए पुलिस के सामने हाजिर हुए जहां उनसे करीब 12 घंटे पूछताछ की गई।
डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल ने गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत की जिसमें उन्होंने कहा कि आशीष मिश्रा पूछताछ के दौरान सवालों का जवाब देने से बचने की कोशिश करते रहे और उन्होंने सहयोग नहीं किया।
लखीमपुर खीरी में किसान हत्याकांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा पर हत्या, गैर इरादतन हत्या और हत्या की साजिश की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।