जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव बेहद करीब है। मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में लौटने का सपना देख रही है। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर एनडीए ने कुछ बड़े फैसले लिए है।
उनके सीएए सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। दरअसल सत्ता में आने से पहले मोदी सरकार ने वादा किया था कि वो सीएए को लागू करेंगे और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीएए को लागू कर दिया गया है। दूसरी तरफ सीएए के लागूू होने से विपक्ष पूरी तरह से भडक़ गया और इसका खुलकर विरोध कर रहा है।
इतना ही नहीं ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में इसको लागू करने से मना कर दिया है जबकि केरल सरकार भी ममता के ट्रैक पर चल रही है और वो भी कह रही है कि वो इसे लागू नहीं करेंगे लेकिन अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चुनाव के बाद सब इस पर सहयोग करेंगे। अमित शाह ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के कार्यक्रम में सीएए और एनआरसी पर खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने एक बार फिर साफ कहा कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं, बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है। उन्होंने साफ कहा कि इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी, बल्कि जो शरणार्थी आए हैं,
उन्हें नागरिकता दी जाएगी। जब उनसे एनआरसी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब वो चुनाव के बाद देंगे। अमित शाह ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि एनआरसी आएगा। मैंने ऐसा कहा है कि इस सवाल का जवाब मैं चुनाव के बाद दूंगा।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए में एनआरसी का कोई वायरस नहीं है। दोनों अलग-अलग हैं. इसमें नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है। इस देश के अल्पसंख्यक को विपक्ष भडक़ा रहा है। मैं मुस्लिम भाइयों से निवेदन करता हूं कि इनकी बात मत मानिएगा। सीएए से किसी की भी नागरिकता नहीं जा सकती। जो शरणार्थी आए हैं, उन्हें नागरिकता दी जाएगी।