जुबिली स्पेशल डेस्क
भोपाल। भारत में कोरोना बेकाबू हो चुका है। आलम तो यह है कि हर दिन कोरोना के तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं कोरोना अब गांव तक दस्तक देने लगा है।
कोरोना काल में कुछ लोग दवा व इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कालाबाजारी भी जमकर करते नजर आ रहे हैं। बात अगर रेमडेसिविर इंजेक्शन की जाये तो मध्य प्रदेश में इसकी कालाबाजारी भी खूब देखने को मिल रही है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस ऐसे गिरोह पर नजर रख रही है जो रेमडेसिविर की कालबाजारी कर रहे हैं, या फिर ऐसे लोग जो नकली रेमडेसिविर बेच रहे हैं। उधर नकली रेमडेसिविर को लेकर एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है।
बताया जा हरा है कि मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर लगवाने वाले 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने कोरोना को हराकर ठीक हो गए है। इसके साथ ही जिन लोगों ने नकली रेमडेसिवर खरीदी और लगवाई उन लोगों में से 90 प्रतिशत लोगों का फेफड़े का संक्रमण भी खत्म हो गया।
एमपी पुलिस के सामने यह समस्या है कि आखिर कैसे सीएम शिवराज सिंह के निर्देशानुसार कैसे आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करे।
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज ने फरमान जारी किया था कि इंदौर और जबलपुर में नकली रेमडेसिविर बेचने वालों के खिलाफ पुलिस हत्या का केस दर्ज करे।
अब जब नकली रेमडेसिविर से लोगों की जिंदगी बच गई तो ऐसी स्थिति में राज्य की पुलिस के सामने अजीब से समस्या पैदा हो गई है कि वह नकली रेमडेसिविर बेचने वालों के खिलाफ कैसे केस दर्ज करे।
ये हैं हैरान करने वाली बात
पुलिस ने जब मामले की जांच की तो नकली रेमडेसिवर की शीशियों में ग्लूकोज वाटर मिला है। ऐसे में ये समझ नहीं आ रहा है कि आखिर ग्लूकोज वॉटर से कोरोना कैसे खत्म हुआ और इसने फेफड़े को इंफेक्शन से कैसे राहत दिलाई। पुलिस चाहती है इन सब चीजों को डॉक्टर्स को जांच करना चाहिए तभी सच सामने आयेगा।