न्यूज डेस्क
देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में कई जगह प्रदर्शन के नाम पर हिंसक घटनाएं भी हुई हैं। ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल के बीरभूम से आया है जहां एनआरसी के लिए डाटा जुटाने की अफवाह एक महिला की जान पर बन आई। अफवाह के असर इस कदर हुआ कि गुस्साई भीड़ ने महिला के घर को ही आग लगा डाली।
मामला बीरभूम के मलारपुर इलाके की है जहां चमकी खातून नाम की महिला एक एनजीओ के लिए काम करती थी। इस एनजीओ के तहत वह गांव-गांव जाकर लोगों को इंटरनेट और मोबाइल फोन के बारे में जागरुक करती थी। चमकी इसके लिए लोगों के डाटा भी जमा करती और प्रोजेक्ट इंटरनेट साथी के तहत ग्रामीणों को मोबाइल फोन के इस्तेमाल के बारे में जानकारी मुहैया कराती थी।
इस बीच इलाके में अफवाह फैल गई की 20 साल की चमकी एनआरसी के लिए डाटा जुटा रही है और इसी वजह से लोगों के जानकारी जमा कर रही है। इसके बाद तो गुस्साए लोगों ने चमकी के घर धावा बोल दिया और उसके घर को आग के हवाले कर दिया। गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई। अब चमकी को पुलिस सुरक्षा में रखा गया है और इस घटना के बाद से वह काफी डरी हुई है।
जानकारी के चमकी गांव की महिलाओं को स्मार्ट फोन के बारे में जानकारी देती और उनके फोटो भी लेती थी। लेकिन जब लोगों ने उससे पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रही है तो वह सटीक जवाब देने में विफल रही। इसके बाद अफवाह फैली कि चमकी एनआरसी के लिए डाटा जुटा रही है। फिर मंगलवार को बड़ी तादाद उसके घर के बाहर लोग जमा हो गए और बुधवार की सुबह उसका घर जला दिया। हालांकि इस बीच मध्यरात्रि में पुलिस की मदद से घरवालों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।