जुबिली न्यूज़ डेस्क
पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव को लेकर सियासी उठापटक जारी है। इन दिनों सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में बिजी हैं। ऐसे में एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक और तगड़ा झटका लगा है।
दरअसल नंदीग्राम विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुवेंदू अधिकारी ने ये ऐलान कर दिया है कि उनके पिता शशिर अधिकारी , 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैली में शामिल होंगे।
गौरतलब है की 24 मार्च को पीएम मोदी पूर्वी मिदनापुर स्थित कांठी में रैली करेंगे, जोकि अधिकारी परिवार का गृह जनपद है। अधिकारी ने बताया कि, ‘इससे पहले 21 मार्च को मैं अपने पिता को अमित शाह की रैली में भेजूंगा।’
वहीं, उनके पिता और टीएमसी के वरिष्ठ सांसद शिशिर अधिकारी ने बीते दिनों कहा था कि यदि उन्हें आमंत्रित किया जाता है, तो वह कांठी में पीएम की जनसभा में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा था कि, ‘अगर मुझे न्योता दिया गया और मेरे बेटों ने इसकी अनुमति दी, तो मैं (मोदी की) जनसभा में शामिल होऊंगा’ यहां बता दें कि उनके दोनों बेटे सुभेंदु और सौमेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं एक और बेटे दिब्येंदु टीएमसी से सांसद हैं।
इससे पहले भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी बीते शनिवार को उनसे मिलने उनके घर गई हुई थी। हालांकि, दोनों ने इस मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया था। शिशिर शुरू से ही टीएमसी से जुड़े रहे लेकिन जब से उनके बेटे ने पक्ष बदला, तब से वह सीएम ममता बनर्जी के समर्थन के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे है। वहीं बुधवार को शिशिर ने बताया कि वह नहीं जानते कि वह तृणमूल में हैं भी या नहीं।
उन्होंने कहा- ‘किसने कहा कि मैं तृणमूल में हूं? क्या तृणमूल ने ऐसा कहा? जबसे सुवेंदु ने पार्टी छोड़ी है, वे मेरे परिवार, मेरे पूर्वजों को गाली दे रहे हैं। एक सज्जन कोलकाता से आए और सुवेंदु को मीर जाफर, और गद्दार कहा। मुझे नहीं पता है कि मैं अब तृणमूल में हूं या नहीं।’
इसके अलावा शिशिर ने ममता बनर्जी को लेकर कहा कि, ‘जब से सुवेंदु ने पार्टी छोड़ी है, वह उसे उखाड़ फेकने के लिए यहां आईं हैं। वह यहाँ क्या कर रही हैं … यह शर्मिंदगी है, जिले के लिए, नंदीग्राम के लोगों के लिए।’ ‘कुछ दिनों पहले, उन्होंने कहा था कि उन पर हमला किया गया था।
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कुछ लोगों ने विरोध किया और उन्होंने कहा, नहीं, कार के दरवाजे से मुझे चोट लगी। उन्हें किस तरह की चोट लगी? वे किस तरह के डॉक्टर हैं? थोड़ा धक्का लगा और उन्हें प्लास्टर और व्हीलचेयर पर बिठा दिया?’
उधर तृणमूल सांसद सौगात रॉय ने कहा, ‘सिसिर अधिकारी की उम्र 80 वर्ष है। इस उम्र में वह अपनी कुछ गरिमा बनाए रख सकते हैं और ‘दल बदलू’ ना बनें।’ उनके दूसरे बेटे दिब्येंदु अभी तक भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं।