न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस के मामले भारत समेत दुनियाभर में बढ़ते जा रहे हैं। इसको देखते हुए पूरी दुनिया की बड़ी आबादी घरों के अंदर ‘कैद’ है। भारत ने 30 राज्यों में लॉकडाउन कर दिया है। वहीं, तीन ऐसे राज्य हैं, जहां पर लॉकडाउन के बाद कर्फ्यू भी लागू है। पुलिस ने एनसीआर से जुड़ने वाली सभी सीमाएं पूरी तरह सील कर दीं। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बिना कर्फ्यू पास वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा जनता से अपील की जा रही है जब बहुत जरूर न हो तब तक घर से बाहर न निकले और अगर निकल भी रहे हैं तो मास्क लगा कर ही निकले।
इस बीच जब से कोरोना वायरस का संकट दुनिया के सामने आया है उसके बाद से ही मास्क और सैनिटाइजर को लेकर मारामारी चल रही है। डब्ल्यूएएचओ की ओर से भी इसके बारे में गाइडलाइन जारी की गई है। डब्ल्यूएएचओ की ओर से भी लोगों से सावधानी बरतने को कहा जा रहा है, उनसे कहा जा रहा है कि वे सफाई का ध्यान रखें, हाथों को नियमित तौर पर साफ करते रहें, मास्क पहनें, एक-दूसरे के संपर्क में कम आएं।
मगर इन्हीं सबके बीच एक सवाल ये भी पूछा जा रहा है कि क्या मास्क पहनने से बचाव संभव है? क्या इसको पहन लेने के बाद वायरस से संक्रमण पूरी तरह से सुरक्षित हो जाता है?
जब से कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है उसी के बाद से दुनिया भर मास्क और सैनिटाइजर की कमी हो गई है। कुछ देशों के नागरिकों को सलाह दी गई है कि यदि वो बीमार नहीं है तो मास्क न पहनें। इनमें ब्रिटेन, अमेरिका और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं। यह सलाह विश्व स्वास्थ्य संगठन के आधार पर जारी की गई है और संभवत: यही कारण है कि इन देशों की सड़कों पर बहुत कम लोगों को मास्क पहने हुए देखा जाता है।
कुछ देशों में मास्क पहने ही दिखते हैं लोग
इससे उलट चीन, हांगकांग, ताइवान, दक्षिण कोरिया और जापान में मास्क पहनना एक सोशल कल्चर बन गया है। यदि इन देशों के लोगों को देखा जाए तो पाएंगे कि ज्यादातर लोगों ने मास्क पहन रखा है।
जो लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं उनका तर्क है कि यह पहनना बहुत जरूरी है, उनका कहना है कि हो सकता है कि जो लोग स्वस्थ लग रहे हों उनमें भी वायरस हो लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि जो लोग स्वस्थ हैं फिर भी मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं उनकी वजह से उन लोगों को मास्क की कमी से जूझना पड़ रहा है जिन्हें वाकई इसकी जरूरत है।
चीन और दक्षिण कोरिया में मास्क नहीं पहनने वालों को गलत माना जा रहा है और कई इमारतों में तो बिना मास्क पहने लोगों के प्रवेश को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मास्क कब पहनें और कब नहीं, इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गाइड लाइन्स जारी की हुई है।
मास्क कब पहनें
- अगर आप स्वस्थ हैं तो उस स्थिति में आपको मास्क पहनने की जरूरत तभी है जब आप किसी कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हों।
- अगर आपको सर्दी है या फिर खांसी आ रही है तो मास्क पहनें।
- कुछ लोगों को लगता है कि मास्क पहन लिया तो सुरक्षित हो गए लेकिन ऐसा नहीं है। मास्क पहनना कभी कारगर साबित होगा जब आपके हाथ भी साफ रहें। समय-समय पर अपने हाथ साफ करते रहें और हाथ साफ करने के लिए एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सोप या सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
- अगर आप मास्क पहन रहे हैं तो सबसे जरूरी ये है कि आपको इसे पहनने और इस्तेमाल करने का तरीका पता हो।
कैसे पहनें और इस्तेमाल करें मास्क
- मास्क पहनने से पहले अपने हाथों को जरूर साफ कर लें, एल्कोहॉल बेस्ड सेनेटाइजर या सोप से हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
- मास्क ऐसे पहने की मुंह और नाक पूरी तरह ढकें और कोशिश करें कि आपके मास्क और मुंह के बीच कोई गैप ना रहे।
- मास्क पहनते समय मास्क को ना छुएं, मास्क की बेल्ट से ही उसे पहनें।
- मास्क को जितनी जल्दी-जल्दी हो सके बदलते रहें और कोशिश करें कि सिंगल-यूज मास्क को री-यूज करने से बचें।
- जब आप मास्क उतार रहे हों तो उसे पीछे की ओर से उतारें। सामने की तरफ से उसे हाथ ना लगाएं। मास्क को उतारने के तुरंत बाद उसे डिस्कार्ड कर दें। इस्तेमाल किये गए मास्क को ढक्कन वाले कूड़ेदान में ही डालें।