जुबिली न्यूज़ डेस्क
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 2023 तक घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। यह प्रदेश में जल क्रांति होगी। इससे सबसे बड़ी राहत हमारी बहनों को मिलेगी। उन्हें हैंडपंप से मुक्ति मिल सकेगी।
साथ ही स्वच्छ पेयजल से स्वास्थ्य की स्थिति में भी सुधार होगा। कुल एक करोड़ 21 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार लाभांवित होंगे। इस पर 44 हजार 260 करोड़ रूपए का व्यय होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज मंत्रालय में जल- जीवन मिशन के प्रस्तुतिकरण के बाद मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल- जीवन मिशन के संचालन में जन- जन की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी और जिस भी ग्राम की परियोजना पूर्ण होगी, वहां उसका प्रारंभ उत्सव के रूप में किया जायेगा। गांव के प्रत्येक घर को नल से जल उपलब्ध कराना ऐतिहासिक उपलब्धि है।
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मंत्रि-परिषद के सम्मुख हुए जल-जीवन मिशन के ‘हर घर जल’ पर प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2019 को मिशन की घोषणा की गई थी। मध्यप्रदेश में जून 2020 से मिशन का क्रियान्वयन आरंभ हुआ। मिशन के क्रियान्वयन के लिए राज्य-स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य जल और स्वच्छता मिशन तथा राज्य-स्तरीय योजना स्वीकृति समिति विद्यमान है।
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जिला-स्तरीय समिति में जिला कलेक्टर अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उपाध्यक्ष हैं। ग्राम स्तर पर स्व-सहायता समूह के सहयोग से ग्रामवासियों की जन-भागीदारी और योजना के सतत संचालन और संधारण के लिए क्रियान्वयन सहायता संस्था की व्यवस्था है। नल-जल योजनाओं के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी की व्यवस्था भी विद्यमान है।
जल एवं स्वच्छता समिति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहयोग से योजना का निर्माण करेगी तथा स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला-बाल विकास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के बीच सतत समन्वय से अन्य गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
2020-21 तक निवाड़ी तथा बुरहानपुर जिलों में शत- प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य है। इस प्रकार 2021-22 में भोपाल, दतिया, इंदौर, मुरैना, नरसिंहपुर, राजगढ़ तथा उमरिया सहित कुल 7 जिले पूरी तरह कवर कर लिए जायेंगे।
शेष जिले 2023 तक पूर्ण कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश के 34 हजार 305 गांवों में सतही स्त्रोत आधारित समूह योजनाओं से नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
शेष 16 हजार 382 गांवों में रेट्रो फिटिंग द्वारा सुविधा का विस्तार किया जाना है। प्रदेश में 32 लाख 41 हजार परिवारों तक योजना का विस्तार किया जा चुका है। 2020-21 में 25 लाख से अधिक एफएचटीसी के लक्ष्यों वाले राज्यों में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है।