जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। वसीम रिजवी ये नाम आजकल सुर्खियों में बना हुआ है। सोशल मीडिया पर वसीम रिजवी काफी चर्चा में बने हुए है। वसीम रिजवी का बयान उनके लिए हर बार गले की हड्डी बन जाता है।
दरअसल वसीम रिजवी को लेकर इन दिनों पूरे भारत में जमकर विरोध हो रहा है। उन्होंने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद से ही रिजवी मुस्लिम संगठनों के निशाने पर हैं।
यह भी पढ़ें : वह बॉस के बेटे से बोलती थी घर छोड़कर मेरे पास भाग आओ
यह भी पढ़ें : वरुण गांधी ने योगी सरकार से पूछा, ये आपके बच्चे होते तो…
अब उनको लेकर एक और जानकारी सामने आ रही है। दरअसल शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें हिंदू धर्म ग्रहण कराया।
इस दौरान महंत नरसिंहानंद ने कई तरह के अनुष्ठान भी किए। धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी अब त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे। इसके साथ उनका नया नाम हरबीर नारायण त्यागी रखा है।
वसीम रिजवी ने हाल में एक वसीयत करके कहा था कि मरने के बाद उनको दफनाने के बजाये हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाये। अब उन्होंने इस्लाम धर्म छोडऩे का फैसला कर डाला है।
बता दे कि शिया और सुन्नी समुदाय के उलेमाओं ने फतवा देकर उन्हें इस्लाम से खारिज कर दिया है। इसके अलावा जनता ही नहीं बल्कि वसीम रिजवी के उनके घरवाले उनके खिलाफ है और साथ ही मां और भाई ने उनके अब किनारा कर लिया है। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने जब से कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग की है तब से पूरे भारत में उनके खिलाफ जमकर विरोध देखने को मिला था।