न्यूज डेस्क
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के एक बयान से अटकलों का बाजार गर्म है। उनके बयान के मतलब निकाले जा रहे हैं। दरअसल पवार ने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन इशारों-इशारों में उन्होंने वह कह दिया जिसको लेकर बीजेपी अक्सर कांग्रेस को घेरती रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर कहा कि केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा के सामने एक ऐसे विकल्प की जरूरत है तो देश में टिक सके।
पवार ने अपने इस बयान में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन राजनीतिक पंडितों का मानना है कि उनका इशारा राहुल गांधी की तरफ था।
गौरतलब है कि नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। विपक्षी दलों से लेकर आम आदमी इसके विरोध में सड़क पर उतर गया है लेकिन इस मौके पर राहुल गांधी देश में मौजूद नहीं है। वह दक्षिण कोरिया चले गए। 17 दिसंबर को उन्होंने दक्षिण कोरियाई प्रधानमंत्री ली नाक-योन से मुलाकात की।
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी विदेश चले गए हो। ऐसे कई महत्वपूर्ण मौके आए है जब राहुल को देश में रहना चाहिए था, लेकिन वह विदेश चले गए। इसको लेकर विपक्षी दल अक्सर तंज कसता रहा है।
मालूम हो कि जब दिसंबर 2012 में निर्भया मामले में पूरे देश में आंदोलन चल रहा था तब भी राहुल गांधी विदेश चले गए थे। हां, उस वक्त सत्ता में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी।
2015 में मोदी सरकार बनने के बाद भूमि अधिग्रहण बिल पर विपक्ष एकजुट हो रहा था तब भी राहुल सदन में मौजूद नहीं थे। वह करीब दो महीने विदेश में रहे थे। उसी साल सिंतबर माह में बिहार में विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान राहुल विदेश चले गए थे। उस समय उनका खूब मजाक उड़ा था।
8 नवंबर 2016 को जब मोदी सरकार ने हजार और पांच सौ रुपए के नोट पर प्रतिबंध लगाया तो पूरा देश बैंक और एटीएम के कतार में खड़ा हो गया। राहुल गांधी ने जोरदार तरीके से नोटबंदी का विरोध किया लेकिन कुछ समय बाद ही वह विदेश चले गए। उस समय भी राहुल का मजाक उड़ा था।
इसके अलावा अक्टूबर माह में महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही वह विदेश चले गए थे। इन दोनों राज्यों के चुनावों में भी राहुल ने कुछ खास रूचि नहीं ली थी।
अब एक बार फिर ऐसा ही हुआ। सत्तारूढ़ बीजेपी ने भी इस पर तल्ख टिप्पणी की, तो महाराष्ट्र की सत्ता में सहयोगी पार्टी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सीधे तौर पर तो नहीं बल्कि इशारों में उन पर यह टिप्पणी की।
यह पहली बार नहीं है जब एनसीपी प्रमुख ने राहुल गांधी को लेकर कुछ कहा हो। पवार ने राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए थे। जब सदन में राहुल ने बिल की कॉपी फाड़ दी थी तब उन्होंने कहा था कि उन्हें यह परिपक्व तरीका नहीं दिखता।
गौरतलब है कि यूपीए सरकार के दौरान जब पवार ने इस्तीफा दिया था तब भी उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर सवाल किए थे। उस दौरान पवार ने यह भी कहा था कि राहुल को अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
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