जुबिली न्यूज डेस्क
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि कुछ समय से अपने देश में एक नई जमात पैदा हुई है, आंदोलनजीवी। ये हर जगह आपको नजर आयेंगे। ये वकीलों, मजदूरों, छात्रों के आंदोलन में नजर आएंगे। कभी ये पर्दे के पीछे, तो कभी आगे। ये टोली आंदोलन के बिना नहीं जी सकती। ये आंदोलन से जीने के लिए रास्ते ढूंढते रहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत ने नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को परजीवी कहना ठीक नहीं है।
टिकैत ने सवाल पूछते हुए कहा कि, महात्मा गांधी और सरदार भगत सिंह भी आंदोलनकारी थे, तो क्या वह भी परजीवी थे।
टिकैत ने आगे कहा कि किसानों से पीएम मोदी ने कोई अपील नहीं की बल्कि उन्होंने तो आंदोलन को परजीवी कह दिया।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को आंदोलन के बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिए था। अगर आंदोलन परजीवी है तो देश को आजाद करवाने वाले भी परजीवी थे। तो क्या गांधी, शहीद भगत सिंह परजीवी थे।
किसान नेता ने कहा पीएम मोदी ने ऐसा कहकर आंदोलनकारियों का अपमान किया है। मोदी के इस बयान पर ऐलनाबाद के पूर्व विधायक अभय सिंह चौटाला ने भी नाराजगी व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को ‘आंदोलनजीवी’ कहकर मजाक उड़ाया है। उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
चौटाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने कुछ मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए देश की 80 फीसदी आबादी को आंदोलन के लिए मजबूर किया है।
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उन्होंने कहा कि किसानों को आंदोलनजीवी कहकर मजाक उड़ाने वालों को अब सबक सिखाना जरूरी हो गया है। इसीलिए 22 फरवरी को सिरसा में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कई किसान नेताओं के अलावा सभी खापों को पंचायतों को भी न्योता दिया गया है।