जुबिली स्पेशल डेस्क
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हमेशा बल्लेबाजों की वजह से मजबूत रहा है। एलन बॉर्डर हो या फिर मार्क टेलर अथवा स्टीव वॉ और मार्क वॉ जैसे खिलाड़ी कंगारू क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए याद किए जाते हैं।
इसके बाद पोंटिंग और मैथ्यू हेडन के साथ-साथ लैंगर और डेविड मार्टिन जैसे सितारे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की सबसे मजबूत कड़ी माने जाते थे और अब मौजूदा वक्त में डेविड वार्नर की खतरनाक बल्लेबाजी दुनिया भर के गेंदबाजों के लिए सिर दर्द होती है लेकिन वहीं सितारा अब कल आखिरी बार मैदान पर उतरने जा रहा है।
दरअसल डेविड वॉर्नर अपने करियर का आखिरी टेस्ट पाकिस्तान के खिलाफ खेलेंगे। इतना ही नहीं वन डे करियर को भी उन्होंने अलविदा कह दिया है।
उनके संन्यास ऐलान से दुनिया भर के क्रिकेट फैंस काफी निराश है। हालांकि वो टी20 क्रिकेट में अपना जौहर दिखाते रहेंगे। पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके करियर की आखिरी रेड बॉल सीरीज होगी।
टेस्ट करियर पर एक नज़र
- वॉर्नर ने दिसंबर, 2011 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था
- वॉर्नर ने अब तक अपने करियर में 111 टेस्ट खेल लिए हैं
- 203 पारियों में उन्होंने 44.58 की औसत से 8695 रन बना लिए हैं
- उन्होंने 26 शतक और 36 अर्धशतक जड़े हैं
- 335* रनों का हाईएस्ट स्कोर है
- टेस्ट में वॉर्नर ने 69 छक्के और 1025 चौके जड़े है
- हालांकि इससे पहले 2009 में वो अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू कर चुके थे
वनडे क्रिकेट रहा शानदार
- ऑस्ट्रेलियाई बल्लेाज़ ने अपने करियर में 161 वनडे मुकाबले खेले
- 159 पारियों में उन्होंने 45.30 की औसत से 6932 रन बनाए
- उन्होंने 22 शतक और 33 अर्धशतक लगाए
- उनका हाई स्कोर 179 रनों का रहा
वार्नर का क्रिकेट करियर जितना अच्छा रहा है उतना विवादों से उनका नाता खूब रहा है। साल 2018 केपटाउन टेस्ट कौन भूल सकता है जब वॉर्नर गेंद से छेड़छाड़ करने का बड़ा आरोप लगा।
इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की बदनामी तब और हुई जब इसमें बेनक्रॉफ्ट के अलावा स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर भी शामिल थे। इनमें से वार्नर को सबसे कड़ी सजा मिली।
उनको आगे कप्तानी करने से रोक दिया गया और ये बैन आजीवन लगा रहा। ऑस्ट्रेलियाई कप्तानी फिर वार्नर नहीं कर सके और एक साल का क्रिकेट खेलने से भी बैन लगा। हालांकि बैन हटने के बाद उन्होंने धमाकेदार खेल दिखाया और विवादों को पीछे छोड़ दिया। विश्व क्रिकेट में बेहद कम बल्लेबाज होते हैं जो क्रिकेट तीनों फॉर्मेट में शानदार क्रिकेट खेलते हैं।