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लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के लिए कुछ ही दिन शेष बचे हैं। सभी दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. पीएम मोदी और उनके मंत्री जनसभाओं और मीडिया के माध्यम से अपने काम का बखान करने में जुटे हुए हैं।
नेताओं के भाषणों से ऐसा लग रहा है कि मानो देश की जनता बहुत खुश और समृद्ध हो गई है और किसी को किसी तरह की कमी नहीं है। लेकिन इस बीच चुनावों और चुनावी प्रक्रिया पर शोध और अध्ययन करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के सर्वेक्षण के नतीजे मोदी सरकार के लिए चौंकाने वाले हो सकते हैं। दरअसल एडीआर के सर्वेक्षण में सामने आया है कि देश के लोग मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं।
बता दें कि मतदाताओं की 10 प्राथमिकताओं के आधार पर मोदी सरकार के कामकाज का स्कोर औसत से भी कम आया है। इसके मुताबिक, ‘रोजगार का अच्छा अवसर’ भारतीय मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकता है। मतदाताओं की प्राथमिकता के दो अन्य मुद्दों ‘बेहतर स्वास्थ्य सेवा’ और ‘पेयजल’ के मामले में भी सरकार का प्रदर्शन औसत से कम रहा है।
सर्वे के मुताबिक, मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकता बेहतर रोजगार अवसर को लेकर रही और इस क्षेत्र में सरकार का प्रदर्शन बदतर में से एक माना गया। सरकार को इसमें 5 के स्केल पर कुल 2.15 की रेटिंग मिली।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मतदाताओं की शीर्ष 10 प्राथमिकता को देखने से साफ है कि भारतीय मतदाता आतंकवाद एवं मजबूत सुरक्षा और सैन्य शक्ति जैसे शासन के मुद्दों की तुलना में रोजगार और स्वास्थ सेवा, पेयजल, बेहतर सड़कों जैसी मूलभूत सुविधाओं को अधिक महत्व देते हैं। एडीआर का यह सर्वेक्षण अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 के बीच 534 लोकसभा क्षेत्रों में 2,73,487 मतदाताओं के बीच किया गया था।