जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। बाराबंकी पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। जालसाजी के मामले में विवेचना के दौरान बाराबंकी की साइबर क्राइम सेल प्रभारी अनूप कुमार यादव ने 65 लाख की वसूली कर डाली। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस महानिदेशक के आदेश पर अनूप के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। रविवार देर रात उसे हिरासत में लेकर निलंबित कर दिया गया है और जेल भेज दिया गया है।
बाराबंकी पुलिस का शर्मनाक चेहरा
शिकायत के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने एसटीएफ को जांच सौंपी थी। इस मामले में अन्य पुलिस कर्मियों की भूमिका की भी जांच हो रही है। इस कंपनी के लखनऊ के विभूतिखंड स्थित कार्यालय को भी बाराबंकी पुलिस ने सील किया था।
पुलिस ने कार्रवाई के समय बताया था कि यह कंपनी मल्टीलेवल मार्केटिंग कर रही है इसने अकेले ही बीस करोड़ रुपये बाराबंकी के लोगों को धोखा देकर निवेश करवाएं है। एडीजी लखनऊ द्वारा मामला संज्ञान में आते ही पीड़ित की तहरीर पर हज़रतगंज कोतवाली पर मुकदमा दर्ज करने तथा विवेचना लखनऊ क्राइम ब्रांच द्वारा कराये जाने के दिए आदेश।
आरोप है कि प्रसेनजित सरदार, शंकर गायन व धीरज श्रीवास्तव (विश्वास ट्रेडिंग कंपनी) से कंपनी बंद करवाने की धमकी देकर 65 लाख वसूले गए। एडीजी लखनऊ ने स्पष्ट किया की इस तरह के अवैधानिक क्रियाकलापों में यदि कोई भी लिप्त रहता है तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के शंकर गायन ने दर्ज कराई प्राथमिकी में अनूप पर जांच के बहाने प्रताड़ित करने और 65 लाख की वसूली का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस महानिदेशक से शिकायत की थी। मुकदमे की विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। बताया गया कि कंपनी के निदेशकों ने वसूली का आरोप लगाने के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा रकम लिए जाने के कुछ फोटोग्राफ भी पुलिस महानिदेशक को सौंपे थे।
कलानिधि नैथानी, एसएसपी