स्पेशल डेस्क
टी-20 में न्यूजीलैंड को 5-0 से हराने वाली दुनिया की नम्बर एक टीम अचानक से धरातल पर आ गई है। न्यूजीलैंड ने भारत को पहले वन डे में बुरी तरह से पराजित किया। इसके बाद टेस्ट क्रिकेट में भी यही कहानी रही। उधर इस हार से बीसीसीआई में भी अच्छी-खासी हलचल है।
जानकारी के मुताबिक बीसीसीआई बहुत जल्द कोच और कप्तान को तलब कर सकती है। इस हार के लिए कौन है जिम्मेदार, इसको लेकर अब बहस तेज हो गई है।
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न्यूजीलैंड ने भारत को दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 से हराया है। पहली पारी में 242 रन बनाने वाली भारतीय टीम दूसरी पारी में 124 रन ही बना पाई। पहली पारी में 63 ओवर बल्लेबाज़ी करने वाली टीम दूसरी पारी में 46 ओवर में ही सिमट गई। सबसे रोचक बात यह है कि पांच दिन के खेल में टीम इंडिया तीन दिन में ही निपट गई है।
इस जीत के साथ न्यूजीलैंड की टीम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। हालांकि हार के बावजूद भारत नम्बर एक पर काबिज है। ऐसे में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट का ये वल्र्ड कप जीतना इतना आसान नहीं रह गया है।
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विश्व क्रिकेट में विराट कोहली को अगला सचिन तेंदुलकर कहा जाता है लेकिन न्यूजीलैंड दौरे पर उनका बल्ला खामोशी की चादर ओढ़ा हुआ है। विराट की नाकामी भारतीय टीम पर भारी पड़ गई है।
सलामी बल्लेबाजों का निराशाजनक खेल
विदेशी पिचों पर अगर सलामी बल्लेबाज अच्छी शुरुआत नहीं देते हैं तो इसका पूरा असर मध्यक्रम पर पड़ता है। रोहित शर्मा व शिखर धवन की गैर मौजूदगी में भारत ने न्यूजीलैंड दौरे पर नई सलामी जोड़ी के साथ उतरने का फैसला किया था लेकिन दोनों ही सलामी बल्लेबाज बुरी तरह से फ्लॉप रहे हैं।
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पृथ्वी शॉ को अभी बहुत कुछ सीखना है
पृथ्वी पहले टेस्ट में पूरी तरह नाकाम साबित हुए और पहली पारी में 16 और दूसरी पारी में 14 रन का योगदान दे सके।
दूसरे टेस्ट में हालांकि उन्होंने 64 गेंदों में 54 रनों की पारी खेली लेकिन दूसरी पारी में केवल 14 रन के स्कोर पर ढेर हो गए।
मयंक अग्रवाल भी नहीं उतरे उम्मीदों पर खरे
मयंक अग्रवाल ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 34 जबकि दूसरी पारी में 58 रन का योगदान दिया था। वहीं दूसरे टेस्ट में 7 व 3 रन ही बना सके हैं। इसके साथ ही इस जोड़ी ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 16 रन जड़े। इसके बाद दूसरी पारी में भी यह जोड़ी 27 रन ही जोड़ सकी। दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 30 रन जोड़े जबकि दूसरी पारी में आठ रन ही जोड़ सकी।
‘विराट’ फ़ैक्टर भी रहा अहम
भारत अगर जीतता है तो इसमें विराट कोहली का खास योगदान रहा है लेकिन कीवियों के खिलाफ विराट का बल्ला नहीं चला। विराट एक-एक रन के लिए तरस रहे हैं। पहले टेस्ट में विराट कोहली पहली पारी में 2 रन बनाये दूसरी पारी में भी फ्लॉप रहे और 19 रन बनाकर ढेर हो गए। दूसरे टेस्ट में हालात नहीं बदले और विराट पूरी तरह से फ्लॉप रहे। विराट ने दूसरे टेस्ट में तीन और 14 रन ही बनाये हैं।
पिछली 22 पारियों पर नजर दौड़ायी जाये तो उन्होंने एक भी शतक नहीं जड़ा है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले साल 2011 और 2014 यही हाल रहा। विराट रनों के तरसते नजर आये। 2011 में वो 24 पारियों में शतक के बिना रहे थे। 2014 में वो 25 पारियों में शतक के बिना रहे थे।
न्यूजीलैंड में हार का दूसरा कारण यह रहा कि मध्यक्रम नहीं चला। पुजारा रहाणे जैसे बड़े खिलाड़ी भी पूरी तरह से फ्लॉप रहे।