जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के परभणी में एक अज्ञात व्यक्ति की ओर से संविधान का अपमान किया गया, जिसके बाद हिंसा भड़क गई. इस दौरान कई इलाकों में आगजनी की घटना सामने आई. आंदोलनकारियों की मांग है कि संविधान का अपमान करने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए.
बता दे की स्थिति को नियंत्रित में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे. वहीं इंटरनेट भी बंद कर दी गई है. साथ बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी गई है.
परभणी पुलिस की ओर से इस बात की अनाउंसमेंट की जा रही है कि एक जगह पर पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा न हों नहीं तो कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया गया है. परभणी में आईजी रैंक के अधिकारी शाहजी उमाप को रवाना किया गया है. साथ ही पुलिस लोगों से अपील की है कि कानून-व्यवस्था अपने हाथ में न लें. शांति बनाए रखने की मदद करें.
क्या है पूरा मामला?
मिली जानाकरी के अनुसार परभणी शहर में कलेक्टर कार्यालय के सामने डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति है. इस प्रतिमा के सामने संविधान की प्रति रखी हुई है. इस बीच मंगलवार की शाम को एक शख्स ने संविधान की प्रति को नुकसान पहुंचाया. इस बात की जानकारी जैसे ही स्थानीय लोगों को हुई तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और आरोपी शख्स की पिटाई कर दी.
वहीं सूचना मिलते ही नया मोंढा पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और शख्स को हिरासत में ले लिया. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के पास एकत्रित होकर आंदोलन शुरू कर दिया, जिसके बाद हिंसा बढ़ गई. ऐसे में शहर में धीरे-धीरे बवाल बढ़ता चला गया.
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इस बीच सब डिवीजनल पुलिस अधिकारी दिनकर दंबाले, क्राइम ब्रांच पुलिस इंसपेक्टर अशोक घोरबंद, नया मोंढा पुलिस इंस्पेक्टर शरद मरे, सहायक पुलिस इंस्पेक्टर बीआर बंदखड़के के साथ आरसीपी प्लाटून और कई थानों की पुलिस टीमें मौके पहुंचीं और लोगों से शांत रहने की अपील की. हालांकि, इस दौरान लोगों ने आरोपियों की कड़ी सजा देने की मांग की. इस घटना के बाद से शहर में तनावपूर्ण माहौल बन गया.