Monday - 28 October 2024 - 9:40 AM

विकास दुबे के साथी कार्तिकेय के पास मिले पुलिस से छीने गए असलहे

प्रमुख संवाददाता

लखनऊ. कानपुर में दस पुलिसकर्मियों को शहीद करने के बाद फरार हुए बदमाश विकास दुबे की तलाश में उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच और एसटीएफ रात दिन एक किये हुए है. फरीदाबाद में पुलिस के पहुँचने से पहले भले ही विकास दुबे निकल भागा लेकिन पुलिस ने यह साबित तो कर ही दिया कि उसकी तलाश की दिशा सही है. पिछले 24 घंटों के दौरान पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद भले ही विकास पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा लेकिन पुलिस की कोशिशों ने उसकी कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

फरीदाबाद में क्राइम ब्रांच ने विकास दुबे के मुख्य साथी कार्तिकेय समेत दो लोगों को दबोचने में कामयाबी हासिल की. बताया जाता है कि कार्तिकेय ने जब खुद को पुलिस से घिरा हुआ देखा तो उसने पुलिस पर फायरिंग की. पुलिस ने कार्तिकेय को 4 पिस्टल और 44 ज़िंदा कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया है.

लखनऊ में पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी दी कि 7 जुलाई को क्राइम ब्रांच फरीदाबाद को सूचना मिली कि विकास दुबे अपने साथियों के साथ न्यू इंदिरा नगर काम्प्लेक्स में छुपे हुए हैं. इस बात की सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई. पुलिस कमिश्नर ओ.पी.सिंह ने डीसीपी क्राइम मक़सूद अहमद को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.

मक़सूद अहमद की देखरेख में एसीपी क्राइम अनिल यादव ने क्राइम ब्रांच 48, क्राइम ब्रांच ऊंचा गाँव और बीपीटीपी की तीन टीमों के साथ चिन्हित स्थान पर दबिश दी. दबिश हुई तो बदमाश पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश करने लगे लेकिन उन्हें मौके पर ही दबोच लिया गया. पकडे गए बदमाशों में कार्तिकेय उर्फ़ प्रभात के अलावा फरीदाबाद का अंकुर और श्रवण भी शिकंजे में आ गया.

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डीसीपी क्राइम मक़सूद अहमद ने बताया कि कार्तिकेय को अंकुर और उसके पिता श्रवण ने अपने घर में शरण दी थी. उन्होंने बताया कि कार्तिकेय से पता चला है कि विकास दुबे की भाभी की मौसी शांति मिश्रा के फरीदाबाद स्थित घर पर उसने विकास दुबे के साथ शरण ली थी. लेकिन दबिश से कुछ घंटे पहले ही विकास दुबे फरार हो गया था. उन्होंने बताया कि कार्तिकेय विकास दुबे के साथ कानपुर में पुलिस टीम पर हमले में शामिल था. हमले के बाद कार्तिकेय घायल पुलिसकर्मियों के दो पिस्टल और ज़िंदा कारतूस छीनकर फरार हो गया था.

फरार होने के बाद कार्तिकेय दो दिन तक अपने दोस्त के घर शिवली में रहा. कार्तिकेय ने पुलिस को सूचना दी कि पुलिस पर हमला करने में शामिल अमर दुबे हमीरपुर में है. कार्तिकेय को अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उसे एसटीएफ को ट्रांजिट रिमांड पर दे दिया. कार्तिकेय के पास से पुलिस को पुलिसकर्मियों से छीनी गई नाइन एमएम की दो पिस्टल और दो देसी पिस्टल के अलावा 44 जिंदा राउंड, दो खाली राउंड और तीन हज़ार रुपये बरामद हुए हैं.

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