जुबली न्यूज़ डेस्क
कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र बिकरू गांव में बीती 2 जुलाई की रात में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में यूपी एसटीएफ ने 50 हजार के इनामी बाल गोविंद दुबे उर्फ लालू को चित्रकूट से गिरफ्तार कर लिया है। यूपी एसटीएफ ने बताया कि बाल गोविंद दुबे उर्फ लालू पुत्र स्वर्गीय मेवालाल, निवासी बिकरू, चौबेपुर, कानपुर कोतवाली कर्वी क्षेत्र में खोही से कर्वी जाने वाले मार्ग पर गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने उसे चित्रकूट से पकड़ा है और उसे कानपुर लाने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि बाल गोविंद ही वो शख्स है जिसकी वजह से बिकरू हत्याकांड हुआ था। बाल गोविंद इस जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपित है और विकास दुबे का परिवारी चचेरा भाई है।
दरअसल, जिस मुकदमे को लेकर पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए दबिश देने गई थी, उसके पीछे भूमि विवाद का कारण था। बाल गोविंद दुबे की बेटी का विवाह उन्नाव निवासी सुनील तिवारी से हुआ था। सुनील अपने मामा मोहिनी निवादा निवासी लल्लन शुक्ला के पास रहता था।
लल्लन शुक्ला की तीन बेटियां ज्योतिमा, प्रतिमा और सरिता हैं। ज्योतिमा की शादी गौरी लक्खा निवासी बबलू तिवारी और प्रतिमा की शादी जादेपुर निवासी राहुल तिवारी से कर दी थी, जबकि सरिता अभी अविवाहित है।
बेटा न होने के कारण लल्लन शुक्ला ने भांजे सुनील को अपने साथ रख लिया था। करीब एक साल पहले लल्लन शुक्ला की मौत हो गई। आरोप है कि सुनील ने दाननामा वसीयत बनवाकर बेशकीमती छह बीघा भूमि अपने नाम करवा ली, जिसकी कीमत करोड़ों में थी। इसके बाद लल्लन शुक्ला के दामादों का सुनील का विवाद शुरू हो गया। इस पर बाल गोविंद ने जानकारी होने पर विकास दुबे को बीच में डालकर सुनील की मदद की कोशिश कराई थी। इस पर राहुल तिवारी ने चौबेपुर थाने में विकास दुबे व उसके साथियों पर मुकदमा दर्ज करा दिया था, जिस पर पुलिस विकास को गिरफ्तार करने गई थी।
बता दें कि बाल गोविंद का मकान भी विकास के घर के पास ही है। दो जुलाई की रात बाल गोविंद की मकान की छत से भी पुलिस पर गोलियां बरसाई जा रही थीं। पुलिस ने उसे और उसके बेटे शिवम दुबे को भी नामजद किया था। एसटीएफ ने शिवम दुबे को तो चौबेपुर से गिरफ्तार कर लिया था लेकिन बाल गोविंद फरार चल रहा था। पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। बाल गोविंद पर गंभीर धाराओं के तहत कई मुकदमा भी दर्ज हैं।
गौरतलब है कि कानपुर एनकाउंटर के कई सप्ताह बीत चुके हैं। पुलिस अब तक इस चर्चित कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत छह अपराधियों का एनकाउंटर कर चुकी है।
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इस मामले में 18 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। जबकि, विकास दुबे का भाई दीपक दुबे, राजाराम, शिव तिवारी, विष्णु पाल यादव उर्फ जिलेदार, रामू बाजपेई, गोपाल सैनी, हीरू दुबे, शिवम दुबे फरार हैं। इन सभी पर 25-25 हजार रूपए का इनाम भी घोषित किया जा चुका है।11 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है।
पुलिस इस प्रकरण में अब तक दयाशंकर अग्निहोत्री, शशिकांत, जेसीबी चालक, उमाकांत शुक्ला, गुड्डन त्रिवेदी समेत अब तक एक दर्जन लोगों को गिरतार कर जेल भेज चुकी है। बीते शनिवार को कानपुर शूटआउट में नामजद उमाकांत शुक्ला ने चौबेपुर थाने में नाटकीय अंदाज में सरेंडर कर दिया था।
वह अपने परिवार के साथ थाने पहुंचा। गले में तख्ती लटकाई थी, जिसमें खुद के विकास दुबे का साथी होने और कानपुर कांड के बाद आत्मग्लानि की लिखी थी।
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