Friday - 1 November 2024 - 10:06 AM

विकास दुबे कांड : आखिर क्यों महाकाल मंदिर का माली और गार्ड नहीं जुटा पा रहे इनाम राशि लेने की हिम्मत

जुबिली न्यूज़ डेस्क

उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए बिक्ररू कांड ने पूरे देश में कोहराम मचा दिया था। फ़िलहाल इस कांड की कहानी का ‘द एंड’ हो चुका है। यूपी एसटीएफ ने इस कांड के आरोपी विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया लेकिन उसी विकास दुबे का खौफ का ये आलम है कि जिन्होंने उसे सबसे पहले पहचानने वाले लोग इनाम की राशि लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

दरअसल सरकार ने कानपुर के चौबेपुर के बिक्ररू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके साथियों पर पांच लाख का इनाम घोषित किया था। यह पांच लाख रुपए का इनाम मध्य प्रदेश के तीन पुलिसकर्मियों सहित छह लोगों को दिया जाना था।

यूपी के डीजीपी को मध्य प्रदेश पुलिस ने पुरस्कार के लिए छह नामों की सूची भेजी थी। इस सूची में महाकाल मंदिर के माली और गार्ड का नाम भी शामिल है। लेकिन मंदिर के गार्ड और माली इनाम लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे और वे कानपुर नहीं आना चाहते। हालांकि कानपुर पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही है।

बता दें कि बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद विकास दुबे अपने साथियों के साथ फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस ने उसके कई साथियों को मार गिराया जबकि कईयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन विकास दुबे की गिरफ़्तारी उज्जैन के महाकाल मंदिर से हुई थी।

कांड को अंजाम देने के बाद विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर पहुंच गया था। मंदिर परिसर में घूमते हुए माली और गार्ड ने उसको देख लिया। इसके बाद दोनों ने क्षेत्रीय पुलिस को सूचना देकर विकास दुबे को गिरफ्तार करवाया। हालांकि कानपुर लाते समय विकास दुबे ने भागने का प्रयास किया और वह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया।

हालांकि विकास दुबे के आपराधिक साम्राज्य का अंत हो गया है। इसके बाद भी जिस माली व गार्ड ने विकास दुबे को पकड़वाया था, वे इनाम लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और कानपूर नहीं आना चाहते हैं। डीआईजी कानपुर डॉ प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि जो भी कर्मचारी सुरक्षा मांगेगा तो उसे सुरक्षा दी जाएगी और वह आकर अपनी इनाम राशि ले सकते हैं।

इनको मिलना है इनाम

इनाम राशि के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की तरफ से भेजे गए सूची में 3 सिपाहियों विजय राठौर, जितेंद्र कुमार और परशुराम के अलावा मंदिर परिसर में फूल बेचने वाले सुरेश और मंदिर के दो निजी सुरक्षाकर्मियों राहुल शर्मा और धर्मेंद्र परमार का नाम शामिल है।

इनाम राशि पाने वालों का नाम तय करने के लिए उज्जैन पुलिस ने बाकायदा एक कमेटी गठित की थी। इसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश पुलिस ने अपनी सिफारिश भेजी है। इस रिपोर्ट के आधार पर सबसे पहले फूल विक्रेता सुरेश ने ही विकास दुबे को पहचाना था।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com