जुबिली स्पेशल डेस्क
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व को ‘पंज प्यारे’ कहकर गलती मानने वाले ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के महासचिव हरीश रावत ने शुक्रवार को गुरुद्वारे में झाड़ू लगाया इतना ही नहीं उन्होंने लोगों के जूते साफ कर प्रायश्चित किया।
बता दें कि उन्होंने इस पूरे मामले में विवाद बढऩे के बाद पहले ही माफी मांग ली थी और गुरुद्वारे में सफाई करने की बात कही थी। इसके बाद उन्होंने जैसे कहा था वैसा ही हरीश रावत ने शुक्रवार को उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में खटिमा के पास नानकमत्ता गुरुद्वारे पहुंच गए है और उन्होंने प्रायश्चित करने के लिए लोगों जूते साफ किया और झाड़ू भी लगाया है।
#सतनाम_वाहेगुरु#नानकमत्ता श्री गुरुद्वारा साहब में मैंने प्रायश्चित स्वरूप कुछ देर #जूते साफ किये। मैं, सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूँ।
1/2 pic.twitter.com/8Mrx05J7ZM— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 3, 2021
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘नानकमत्ता श्री गुरुद्वारा साहब में मैंने प्रायश्चित स्वरूप कुछ देर जूते साफ किये. मैं, सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूं. मैं पुनः आदर सूचक शब्द समझकर उपयोग किये गये अपने शब्द के लिये मैं सबसे क्षमा चाहता हूं.’
हरीश रावत ने क्या कहा था
उन्होंने हाल में कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना सिख धर्म के महान ‘पंज प्यारो’ से कर दी लेकिन यह बयान उनके लिए गले की हड्डी बन गया है और उनके इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ।
अकाली दल ने हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा गया कि हरीश रावत पर सिख धर्म के अनुयायियों को ठेस पहुंचाने की बात कही गई।
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#WATCH | Punjab Congress in-charge Harish Rawat cleans shoes of devotees, sweeps the floor of Nanakmatta Gurudwara near Khatima in Udham Singh Nagar, Uttarakhand
On Sept 1, he announced to sweep the floor of a gurudwara for referring to Punjab party functionaries as "Panj Pyare" pic.twitter.com/MvK97dtbNT
— ANI (@ANI) September 3, 2021
हरीश रावत को मांगनी पड़ी माफी
हालांकि विवाद बढ़ता देख हरीश रावत ने माफी मांगने में देर नहीं की और माफी मांगते हुए हरीश रावत ने लिखा था कि कभी आप आदर व्यक्त करते हुए कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं।
मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है। मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं। मैं प्रायश्चित स्वरूप सबसे क्षमा चाहता हूं।