न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बिना इंटरनेट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुकदमों की सुनवाई करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। जी हां इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ बेंच एवं प्रदेश के जिला न्यायालयों में अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई होगी।
इसके लिए इंटरनल कनेक्टिविटी से व्यवस्था की जाएगी। अदालतें इंटरनल कनेक्टिविटी से चलेंगी, इसके लिए इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होगी।
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कोर्ट कार्यवाही चलाने के लिए उपलब्ध संसाधनों से ही साफ्टवेयर तैयार कर गुरुवार से लागू कर दिया गया है। लखनऊ पीठ सहित इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं प्रदेश की जिला अदालतों में वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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हाईकोर्ट के निबंधक शिष्टाचार आशीष कुमार श्रीवास्तव की माने तो यह सुविधा पूरी तरह से सुरक्षित एवं निर्बाध है। यह तैयारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए की गई है। उन्होंने बताया कि इसके लिए अलग से संसाधनों की आवश्यकता नहीं पड़ी। उपलब्ध संसाधनों से ही सॉफ्टवेयर तैयार कर यह सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। इस सेवा को विस्तार देने की प्रक्रिया जारी है।
शीघ्र ही सॉफ्टवेयर आधारित कोर्ट पूरी तरह से कार्य करने लगेगी। लॉकडाउन के दौरान हाईकोर्ट और जिला अदालतों में मुकदमों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से करने का निर्णय लिया गया, मगर अभी तक जो व्यवस्था लागू थी उसमें सीमित मुकदमों की सुनवाई ही हो सकती थी। नई व्यवस्था में इसका व्यापक उपयोग हो सकेगा।
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