जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों काफी सुर्खियों में है। दरअसल रामचरितमानस को लेकर दिए बयानों की वजह से वो चर्चा में आ गए है।
आलम तो ये हैं कि उनके बयानों से लोगों में गुस्सा है और उनका जगह-जगह पर विरोध देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को हिन्दू संगठनों का भारी विरोध झेलना पड़ा।
इतना ही नहीं हिन्दू संगठनों ने काली स्याही फेंक दी। इसके आलावा उनकी गाड़ी पर काला झंडा फेंका गया है। इस दौरान जय श्रीराम के नारे लगाते हुए उनके काफिले पर काले कपड़े फेंकर उनका भारी विरोध किया गया है।
स्थानीय मीडिया ने बताया है कि पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे युवकों को पीछे किया तब जाकर स्वामी प्रसाद मौर्य का काफिला आगे के लिए रवाना हुआ।
इस दौरान युवा भाजपा नेता दीपक सिंह राजवीर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बार-बार सनातन पर सवाल उठा रहे हैं। रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी को कभी माफ नहीं करेंगे। उन्हें माफी मांगनी होगी। हम उनपर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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बता दे की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। पहले समावजादी पार्टी एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित टिप्पणी की। इसके बाद सपा विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि मैं रामचरितमानस को मानती ही नहीं हूं।
उन्होंने अब रामचरितमानस को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा था उन्होंने इस पत्र के माध्यम से रामचरितमानस से उन पंक्तियों को हटाए जाने की मांग की है जिसको लेकर वह विरोध कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अनेक कथावाचक और धार्मिक पाखंडी पर सवाल उठाये जो हर दिन रामचरित मानस की चौपाइयों को उद्धृत करके उन्हें ईश्वर सम्मत फैलाते हैं।
जिससे इस देश के करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। रामचरितमानस को लेकर दिए बयानों की वजह से स्वामी प्रसाद मौर्य कई लोगों के निशाने पर है लेकिन इस बार उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर साफ कर दिया है वो अपने बयानों से पलटने वाले नहीं है।