जुबिली न्यूज डेस्क
इस बार संसद का मानसून सत्र विपक्षी दलों के हंगामे के भेट चढ़ गया। पेगासस और किसानों के मुद्दे पर विपक्ष ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया।
विपक्ष के हंगामे के चलते जहां बुधवार को लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया तो वहीं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू सदन में विपक्षी सांसदों के हंगामे की बात करते हुए भावुक हो गए और उनका गला रूंध गया।
नायडू ने कहा कि मंगलवार को सदन के कुछद सदस्य टेबल पर बैठ गए और कुछ तो टेबल पर चढ़ गए, जिसके बाद सदन की सारी पवित्रता नष्ट हो गई।
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राज्यसभा की कार्यवाही इसके बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। ये मानसून सत्र का आखिरी हफ्ता है और विपक्ष एकजुट होकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है।
विपक्ष इसराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए अपने विरोधियों और आलोचकों की कथित जासूसी से लेकर कृषि कानून और तेल की कीमतों जैसे मुद्दों पर बहस की मांग कर रहा है।
संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई को शुरू हुआ था। पहले दिन से ही दोनों सदनों में हंगामा खड़ा हो गया जब विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी को नए मंत्रियों को सदन में परिचय करने से रोक दिया।
Lok Sabha adjourned sine die
The Monsoon Session was scheduled to go on till 13th August pic.twitter.com/U5DWSiZZmo
— ANI (@ANI) August 11, 2021
नायडू ने पहले भी सांसदों के व्यवहार पर जताई थी चिंता
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने 30 जुलाई को भी सदन में पेगासस मामले पर विरोध जता रहे कुछ सांसदों के व्यवहार पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि इससे सदन की मर्यादा और प्रतिष्ठा गिरी है।
उन्होंने सदन में कहा था, “मुझे बताया गया कि कुछ सदस्य सदन में सीटी बजा रहे हैं। वो (शायद) सीटी बजा रहे हैं अपनी पुरानी आदत (की वजह) से। मगर ये सदन है।”
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“वहीं कुछ सदस्य मार्शलों के कंधों पर हाथ लगा रहे हैं। मुझे नहीं पता उन्होंने ऐसा क्यों किया। कुछ ने मंत्रियों के सामने तख्तियां लहराईं और उनको देखने नहीं दे रहे थे।”
राज्यसभा सभापति नायडू ने चेतावनी के लहजे में कहा, “धैर्य की भी एक सीमा होती है और हमें सदन के धैर्य को समाप्त नहीं होने देना चाहिए।”
उन्होंने कहा,” इससे निबटने का दो ही रास्ता है – या तो इसे नजरअंदाज किया जाए और सदन को बाजार बनने दे दिया जाये। हरेक अपनी सीटी बजाते रहे…और दूसरा – कार्रवाई की जाए।”
नायडू ने सांसदों से शालीनता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “इन सभी चीजों से सदन का मान और नीचे गिरा है। मैं इसे लेकर बहुत चिंतित हूं।”
उन्होंने कहा,” मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे सदस्य इस स्तर तक चले जाएंगे।”