जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच घमासान जारी है। इस चुनाव में कई मुद्दों को लेकर जनता के बीच नेता जा रहे हैं। हाथरस से लेकर ब्राह्मणवाद तक कई ऐसे मुद्दे हैं जिसको लेकर योगी सरकार पर विपक्षी दल हमलावर हैं।
इसी बीच प्रदेश में सब्जियों के दामों में अचानक हुई वृद्धि भी चुनावी मुद्दा बनने लगा है।
बता दें कि प्रदेश में सब्जियों का मूल्य अचानक से दोगुना हो गया है, जिससे आम आदमी सीधा प्रभावित हो रहा है। प्रदेश के विभिन्न महानगरों आगरा, गोरखपुर, कानपुर, वाराणसी और लखनऊ में आलू, प्याज, टमाटर, परवल, लौकी जैसी रोजमर्रा की सब्जियों के मूल्य अचानक से दोगुने हो गए हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आलू 40 किलो, टमाटर 70 किलो, प्याज 60 किलो, परवल 80 किलो, लौकी 30 प्रति और भिंडी 60 किलो के हिसाब से बिक रही है। आगरा और वाराणसी में भी लखनऊ जैसा ही हाल है जबकि गोरखपुर में 5 से 10 रुपये सस्ती सब्जियां बिक रही हैं।
यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने नौगावां सादात से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ कमलेश सिंह के पक्ष में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में महंगाई सबसे चरम पर है।
कोरोना काल के चलते जब लाखो-लोगो ने अपनी नौकरी गँवा दिया हो, उद्योग-धंधे चैपट हो गए हो, लोगो की आमदनी घट गयी हो। ऐसे में 40 से 45 रुपये किलो आलू और 90 से 100 रुपये किलो प्याज खरीदने में मजबूर हो रही है जनता जिसके चलते आम आदमी का जीवन यापन मुश्किल हो चला है।
सब्जियों के बढ़े दाम के पीछे कालाबाजारी की भी आशंका जताई जा रही है। अब ऐसे में एक ओर जहां कुछ दिनों पहले कृषि बिल को लेकर किसानों का मुद्दा गरमाया रहा है तो सब्जियों के दामों को लेकर भी राजनीति गरमाने की उम्मीद है।
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