जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव नतीजे आए छह दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम का एलान नहीं किया है. इस बीच राजस्थान में बीजेपी के विधायकों को कथित तौर पर जबरन रिसॉर्ट में रखने को लेकर राजनीति गरमा गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, एक भाजपा विधायक के पिता ने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह पर उनके बेटे को रिसॉर्ट में ले जाने और उसे बंधक बनाने का आरोप लगाया है. वहीं वसुंधरा खेमे का कहना है कि इस तरह के आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है.
किशनगंज से विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा ने आरोप लगाया कि 4 दिसंबर को दुष्यंत उनके बेटे को वसुंधरा राजे से मिलने के लिए लाए थे, लेकिन मुलाकात के बाद उन्हें जयपुर के पास एक रिसॉर्ट में ले गए.
खबर के मुताबिक, विधायक के पिता ने कहा कि कुछ भी संदिग्ध नहीं था. उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनका घर जयपुर में है तो उनके बेटे को जयपुर से बाहर एक रिसॉर्ट में क्यों ले जाया गया. उन्होंने दावा किया कि ललित बाद में पार्टी कार्यालय जाना चाहते थे लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया.
विधायक को जबरन रखने का आरोप
पिता ने कहा कि वे बाद में अपने बेटे को लेने रिसॉर्ट भी पहुंचे लेकिन वहां मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने कहा, “मैं उसे वापस लाने गया था, लेकिन वहां पांच से दस लोग थे जिन्होंने कहा कि वे मुझे अंदर नहीं जाने देंगे, लेकिन हम भी 10-15 लोग थे, जिसके चलते हम अपने बेटे को वापस लाने में कामयाब रहे.”पिता हेमराज ने कहा कि रिसॉर्ट में ललित सहित झालावाड़ और बारां जिलों के पांच विधायक थे. यहीं से वसुंधरा राजे भी विधायक हैं.
जानकारी के मुताबिक इन पांच विधायकों में ललित के अलावा, अंता से कंवरलाल, बारां अटरू से राधेश्याम बैरवा, डग से कालूराम और मनोहर थाना से गोविंद प्रसाद शामिल हैं.
हेमराज मीणा ने आरोप लगाया कि विधायक कंवरलाल ने उन्हें रिसॉर्ट में नहीं जाने दिया था और लड़ाई करने को तैयार थे. उन्होंने कहा, “कंवरलाल ने कहा कि अपने बेटे को ले जाने से पहले दुष्यंत से बात कर लो, जब मैंने दुष्यंत को फोन किया तो उन्होंने कॉल नहीं उठाई.”
हेमराज ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में पार्टी के राज्यसभा सांसद और राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह और राज्य महासचिव(संगठन) चंद्रशेखर को भी जानकारी दे दी है. जब इंडियन एक्सप्रेस ने विधायक ललित मीणा से इस बारे में संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
‘छवि खराब करने की साजिश है’
वहीं अखबार से बात करते हुए कंवरलाल ने दावा किया कि यह दुष्यंत सिंह का नाम खराब करने की साजिश थी. उन्होंने कहा, “हमारी जीत के बाद झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से जीते हुए सभी बीजेपी के विधायकों ने एक रैली निकाली और उसके बाद ललित मीणा सहित हम सभी आरएसएस के स्थानीय दफ्तर गए और वहां से अपने घर आ गए.”
कंवरलाल ने कहा, “अगली सुबह करीब 6 बजे हम जयपुर के लिए निकले और एक होटल पहुंचे और वहां अपनी इच्छा से एक साथ रहने का फैसला किया. हम में से तीन बारां से और दो झालावाड़ से थे.”उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर की रात करीब 2.30 बजे 30-40 लोग रिसॉर्ट आए थे और उन्होंने ललित मीणा के बारे में पूछा था.
कंवरलाल ने बताया, “मैंने उन्हें सिर्फ इसलिए रोका था, क्योंकि मैं उनमें से किसी को भी नहीं जानता था. अगर कुछ अज्ञात लोग आधी रात को आकर एक नवनिर्वाचित विधायक को ले जाने की मांग करते हैं तो अगली सुबह में उनके परिवार को क्या जवाब देता?”
उन्होंने कहा, “करीब 10-15 मिनट बाद ललित के पिता आए, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हुई और मैंने ललित को जाने दिया, लेकिन जिस तरह से यह सब हुआ, वह साफ तौर पर सांसद का नाम खराब करने की साजिश थी.”कंवरलाल ने अखबार से कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के कारण दुष्यंत सिंह दिल्ली में थे.
सांसद का नाम खराब करने की साजिश
उन्होंने कहा, “आप उनकी उपस्थिति चेक कर सकते हैं. आप मेरा मोबाइल फोन देख सकते हैं. मैं उनके संपर्क में नहीं हूं. मैं नार्को टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं. यह 100 प्रतिशत एक साजिश है. विधायकों की जब बाड़ेबंदी की जाती है तो उनका मोबाइल फोन छीन लिया जाता है, जबकि इस मामले में ऐसा नहीं था.”
इस बीच दुष्यंत ने सोमवार और गुरुवार के बीच हर दिन संसद में बोलने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं. खबर के मुताबिक वसुंधरा राजे के खेमे के नेताओं का कहना है कि सिर्फ पांच विधायकों के साथ रिसॉर्ट की राजनीति का कोई मतलब नहीं है और सच में एक साजिश थी क्योंकि पार्टी के पास राज्य में बहुमत है, इसलिए पांच विधायक कुछ खास फर्क नहीं ला सकते.