जुबिली न्यूज डेस्क
राजस्थान भाजपा में मची कलह अब खुलकर सामने आ गई है। पिछले कुछ दिनों से भाजपा नेता व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थन उनकी वापसी के लिए मुहिम चलाए हुए हैं।
हालांकि वसुंधरा राजे इस मुद्दे पर खामोशी ओढ़े हुए हैं मगर उनके समर्थक खुलकर सामने आ गए हैं। समर्थकों का कहना है कि वसुंधरा ही BJP और BJP ही वसुंधरा हैं।
पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के बाद अब पूर्व मंत्री भवानी सिंह राजावत ने प्रेस कॉन्फ्ऱेन्स कर कहा कि जिस तरह से देश में भाजपा के लिए प्रधानमंत्री मोदी हैं उसी तरह से राजस्थान में BJP के लिए वसुंधरा राजे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के अलावा किसी का चेहरा नहीं चलेगा। पूरी पार्टी वसुंधरा राजे के दम पर सत्ता में आयी थी अगर वसुंधरा नहीं होंगी तो भाजपा सत्ता में नहीं आएगी।
उन्होंने मौजूदा प्रदेश नेतृत्व के बारे में कहा कि इसमें किसी भी नेता के पास कोई दम नहीं है।
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भवानी सिंह राजावत के बाद अब पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी और पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा भी मैदान में उतर आए। उन्होंने कहा
कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के 15 उम्मीदवार बीजेपी में घूम रहे हैं जिन्हें कोई नहीं पूछता है। BJP को अगर सत्ता में आना है तो वसुंधरा को ही लाना होगा वरना पार्टी खत्म हो जाएगी।
फिलहाल वसुंधरा राजे के समर्थक एक दर्जन पूर्व सांसद और पूर्व विधायक मैदान में कूद पड़े हैं, जिसकी वजह से राज्य का प्रदेश नेतृत्व हैरान है।
अचानक वसुंधरा समर्थकों के मोर्चेबंदी से हैरान है नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुझे तो समझ में नहीं आ रहा है कि यह बेमौसम की बरसात क्यों शुरू हो गई है अभी तो चुनाव होने में ढाई साल हैं।
कटारिया ने कहा कि हमें लगता है कि हमारी पार्टी के कुछ नेता कांग्रेस के साथ मिलकर साजिश कर रहे हैं ताकि कांग्रेस के घर के अंदर के आंकड़े को बीजेपी के घर के अंदर के झगड़े से ढका जाए वरना यह कोई समय नहीं है कि सीएम के उम्मीदवार की मांग की जाए।
भाजपा नेता कटारिया ने कहा कि बीजेपी व्यक्ति आधारित पार्टी नहीं है। यह कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और कोई भी व्यक्ति पार्टी से ऊपर नहीं हो सकता है।
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कटारिया के बाद भाजपा विधायक मदन दिलावर ने मौजूदा प्रदेश नेतृत्व की तरफ से मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि जो लोग वसुंधरा ही BJP और BJP ही वसुंधरा बता रहे हैं, वह BJP विरोधी हैं। उन्हें पता नहीं है कि वह पार्टी को कितना नुकसान कर रहे हैं। यह सब भाजपा में नहीं चल सकता है। अगर किसी को किसी व्यक्ति के पीछे चलना है तो उसे पार्टी छोडऩी होगी।
वहीं भाजपा नेताओं के अचानक हमले से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया परेशान हैं। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को बताया जाएगा कि bjp में मुख्यमंत्री पद पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है, घर में बैठे नेता तय नहीं करते हैं। यह संगठन आधारित पार्टी है और यहां हर कार्यकर्ता बराबर की भूमिका में हैं।
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उधर इस सब मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चुप्पी साधे हुए हैं और उनके समर्थक वसुंधरा मंच बनाकर संगठन का विस्तार कर रहे हैं।
समर्थक भाजपा से हटकर अपने अलग-अलग कार्यक्रम चला रहे हैं। जानकारों का कहना है कि BJP के इतिहास में राजस्थान में ऐसा पहली बार हो रहा है तो वहीं पार्टी का नेता संगठन, समानांतर संगठन बनाकर काम कर रहा है। लेकिन वसुंधरा की ताकत को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व चुप्पी साधे हुए हैं।