जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। 16 अगस्त से शुरू हो रही माता वैष्णो देवी की यात्रा पर एक बार फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। माता वैष्णो देवी भवन पर पुजारी समेत आठ और लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड प्रशासन ने इन लोगों के संपर्क में आए कर्मचारियों के टेस्ट और सैनिटाइजेशन का काम तेज कर दिया है। पिछले दो दिन में 12 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो जाने से यात्रा पर संशय पैदा हो गया है।
श्राइन बोर्ड ने पिछले एक सप्ताह से कटड़ा से भवन तक सैनिटाइजेशन सहित अपने सभी कर्मचारियों और पुजारियों के कोरोना टेस्ट की जांच शुरू कर रखी है। गत मंगलवार को वैष्णो देवी के भवन पर तीन भजन गायक व सिक्योरिटी में तैनात एक जवान कोरोना संक्रमित पाया गया था।
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भवन पर नियुक्त दो कथा पुजारी तथा छह अन्य पुजारी पॉजिटिव पाए गए। इनमें से कुछ को श्राइन बोर्ड के नारायणा अस्पताल में और कुछ कर्मचारियों को पैंथल स्थित आइसोलेशन वार्ड में रेफर कर दिया गया है। बोर्ड प्रशासन द्वारा हर संभव एहतियात बरतने के साथ साथ उचित कदम उठाए जा रहे है।
वैष्णो देवी भवन पर तैनात 63 वर्षीय असिस्टैट सुरक्षा अधिकारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद से बोर्ड प्रशासन पर सवाल उठने शुरू हो गए है। केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के घरों में रहने की हिदायतें दी जा रही है वावजूद इसके वोर्ड प्रशासन द्वारा 63 वर्षीय रिटायर्ड बुजुर्ग को अपनी निजी सुरक्षा एजेंसी के असिस्टैट सुरक्षा अधिकारी के पद पर तैनात किया हुआ है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है की आखिर क्यों बोर्ड प्रशासन में इस कोरोना महामारी के दौरान भी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के यात्रा मार्ग पर तैनात किया हुआ है।
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