जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में वैक्सीन का संकट अब भी जारी है। प्रदेश में 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण करने के लिए ग्लोबल टेंडर को 31 मई, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
दरअसल ग्लोबल टेंडर अपनी तय समय-सीमा में किसी भी कंपनी को रिझा पाने में असफल रहा है।
यूपी की कुल आबादी करीब 20 करोड़ है। इसमें 18-44 आयु वर्ग की संख्या करीब 10 करोड़ (50 फीसदी) है। ऐसे में टीके की दूसरी डोज के लिए करीब 20 करोड़ टीके का इंतजाम करना होगा।
उत्तर प्रदेश में 1 मई से 21 मई, 2021 तक 18-44 आयु वर्ग वालों में महज 9.5 लाख लोगों को ही पहली डोज का टीका लगाया गया है।
7 मई को योगी सरकार ने 4 करोड़ (0.4 मिलियन) टीके की व्यवस्था के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया था। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमसीकेएल) के जरिए जारी किया गया यह शॉर्ट टर्म टेंडर 21 मई तक के लिए वैध था।
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इसी टेंडर की अवधि (07-21 मई) के दौरान राज्य सरकार के आला अधिकारियों ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि टीके को लेकर वैश्विक कंपनियां काफी उत्साहित हैं और सरकार के पास टीका खरीदने को लेकर वित्त की कोई कमी नहीं है, जल्द ही टीेके का सौदा कर लिया जाएगा।
लेकिन इसी बीच सरकार को कोरोना टीके से संबंधित निविदा में संधोधन भी करना पड़ा।
यूपी सरकार ने 14 मई, 2021 को ग्लोबल टेंडर की शर्तो में बदलाव कर दिए। इसके तहत कहा गया कि जो भी कंपनियां वैश्विक निविदा में भाग लेंगी उनकी ‘बिड सिक्योरिटी’ की राशि 16 करोड़ (160 मिलियन) के बजाए महज 08 करोड़ (80 मिलियन) रहेगी।
इसके साथ ही बिड सिक्योरिटी की वैधता 28 दिन से बढ़ाकर 45 दिन की जाती है, लेकिन कंपनियों को यह ई-बिड में सिक्योरिटी की राशि घटाने और अवधि बढ़ाने का यह सौदा पसंद नहीं आया।
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सात मई , 2021 को ग्लोबल टेंडर के टीके में कहा गया था कि निविदा में भाग लेने वाली कंपनी कोरोना टीके के भंडारण के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान की दशा का ख्याल रखेंगी। हालांकि, 14 मई को वैश्विक निविदा में किए गए बदलाव में इस शर्त को और विस्तार दिया गया।
निविदा की शर्त में किए गए बदलाव में कहा गया कि कंपनियों को भंडारण स्थल तक टीका सुरक्षित पहुंचाने का काम भी करना होगा। निविदा शर्त में कहा गया कि कंपनियां जो वैक्सीन आपूर्ति करेंगी वह 2-8 डिग्री सेल्सियस के अलावा ऐसी वैक्सीन जिसके भंडारण और परिवहन (ट्रांसपोर्टेशन) में -20 डिग्री सेल्सियस, -70 डिग्री सेल्सियस, -80 डिग्री सेल्सियस आदि तापमान नियमों का
पालन करना पड़ता है उसे भंडारण स्थल और वैक्सीन दिए जाने के स्थान तक सुरक्षित पहुंचाना होगा।
राज्य सरकार ने कहा कि उनके पास -20 डिग्री सेल्सियस तक तापमान प्रबंध वाले स्टोरेज की क्षमता बहुत ही सीमित है। इसके अलावा 14 मई, 2021 को ग्लोबल टेंडर की नई शर्तों में यह भी जोड़ा गया था कि कोई प्रतिस्पर्धी कंपनी जो कि भारत की सीमाओं को साझा करती हैं और यहां पर व्यवासय के लिए पंजीकृत व अधिकृत हैं वह भी इस बिड का हिस्सा बन सकती है।
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पहले चरण में उत्तर प्रदेश की ग्लोबल टेंडर में टीका कंपनियां भाग लेने क्यों नहीं आई? के सवाल पर अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि स्पूतनिक से बात चल रही है वह दूसरी डोज के लिए कुछ स्पष्टीकरण चाहती है। उससे बात चल रही है। जॉनसन एंड जॉनसन व जाइडस कैडिला और अन्य कंपनियां भी भारत सरकार से अनुमति के लिए प्रयास कर रही है, जब तक कि उन्हें भारत सरकार से अनुमति नहीं मिल जाती तब तक वह कैसे ई-बिड का हिस्सा बनेंगी। 31 मई तक कुछ बात बन सकती है यदि स्पूतनिक को स्पष्टीकरण मिल जाता है।साभार-डीटीई .