जुबिली न्यूज़ डेस्क
आज पूरा देश राष्ट्रीय बालिका दिवस मना रहा है। इस अवसर पर उत्तराखंड में कुछ ऐसा हुआ जैसा अनिल कपूर की फिल्म नायक में हुआ था। जी हां उस फिल्म में अनिल कपूर एक दिन के लिए सीएम बने थे। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड में भी हुआ है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर हरिद्वार जिले की छात्रा सृष्टि गोस्वामी ने उत्तराखंड की ‘एक दिन की बाल मुख्यमंत्री’ बनी। मुख्यमंत्री बनते ही श्रष्टि पूरे एक्शन में आ गई और उन्होंने विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक ली साथ ही प्रस्तुतिकरण देखा।
अपने 6 घंटे के कार्यकाल में सृष्टि आत्मविश्वास से भरी हुई दिखी। इस दौरान उन्होने अफसरों की जमकर क्लास लगाई और विपक्ष के सवालों का डंटकर सामना भी किया। सीएम के तौर पर सृष्टि ने करीब दर्जनभर विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की साथ ही कई दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की और पलायन को भी प्रदेश की मुख्य समस्या बताया।
इसके बाद श्रष्टि ने बैठकों के दौरान बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान किए जाने, कॉलेजों के नजदीक मादक पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने जैसे कई अहम फैसलों पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
दरअसल प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की प्रेरणा, मुख्य सचिव ओमप्रकाश और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने इस कार्यक्रम को आयोजित कराने में अहम योगदान दिया। इसमें न केवल बाल नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन ने सदन में सरकार के समक्ष प्रश्न उठाया बल्कि बाल मुख्यमंत्री सृष्टि और उनके बाल मंत्रियों ने सवालों के जवाब भी दिए।
वहीं मुख्यमंत्री रावत ने बाल सदन की कार्यवाही को प्रदेश की बालिकाओं का सम्मान बताया। और कहा कि ऐसे आयोजनों से बालिकाओं को अपनी पहचान बनाने में सहायता मिलेगी। ‘बालक कल के नागरिक हैं। हमारे ये भावी कर्णधार देश को बेहतर दिशा की ओर ले जाएं। इसके लिए आवश्यक है कि इन्हें समसामायिक विषयों के साथ ही विधायिका के स्तर पर होने वाले कार्यों की जानकारी भी रहे।’
इस कार्यक्रम में एक तरफ जहां बाल विकास विभाग ने महिलाओं और बच्चों से सबन्धित अपराध तथा उनके उन्मूलन के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया, तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस विभाग ने बाल अपराध, साइबर अपराध, नशा मुक्ति अभियान के लिए ‘ऑपरेशन सत्य’ तथा बाल तस्करी मुक्ति हेतु ‘ऑपरेशन स्माइल’ के उदाहरण दिए । इसके अतिरिक्त उद्योग, स्मार्ट सिटी, शिक्षा, आदि विभागों ने भी अपना अपना प्रस्तुतिकरण दिया।
इस ख़ास कार्यक्रम के मौके पर उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी ने सीएम रावत का आभार व्यक्त किया। और कहा कि बालिकाओं और बच्चों को इस तरह के बाल सदन में अवसर देने से उन्हें जीवन में और आगे बढने के साथ ही कुछ करने की प्रेरणा मिलती है।
इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सृष्टि ने अपनी तुलना फिल्म ‘नायक’ के हीरो से किए जाने पर कहा कि वह तो सिनेमा था लेकिन असल जीवन में बाल मुख्यमंत्री बनकर वह काफी उत्साहित महसूस कर रही हैं। बाल सदन से निकले सुझावों को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सौंपा जाएगा जिन्हें वह आगे मुख्यमंत्री रावत को सौंपेगा।
कौन हैं सृष्टि गोस्वामी
19 वर्षीय सृष्टि गोस्वामी, हरिद्वार जिले के गांव दौलतपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता प्रवीन गोस्वामी एक व्यापारी हैं, जो गांव में ही एक छोटी सी दुकान चलाते हैं, जबकि, सृष्टि की मां सुधा गोस्वामी एक गृहणी है। सृष्टि बीएसएम पीजी कॉलेज, रुड़की से बीएससी एग्रीकल्चर कर रही हैं।