जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना महामारी की वजह से उत्तराखंड का परिवहन निगम एक बड़ा आर्थिक घाटा झेलने को विवश हो गया है. कोरोना की वजह से लोगों ने रोडवेज़ बसों पर विश्वास करना कम कर दिया है. इसका नतीजा यह है कि रोडवेज़ को रोजाना सवा करोड़ रुपये का घाटा झेलना पद रहा है.
आम दिनों में उत्तराखंड रोडवेज़ की रोजाना 2.5 करोड़ रुपये की आमदनी होती थी जो अब सिमटकर 1.26 करोड़ में सिमट गई है. रोडवेज़ बसों को अब यात्री ढूंढने पड़ रहे हैं. दूसरे राज्यों की यात्रा पर ले जाने वाली वाल्वो बसों में भी सिर्फ एक तिहाई यात्री ही सफ़र कर रहे हैं.
उत्तराखंड रोडवेज़ के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि 11 नवम्बर से 15 नवम्बर के बीच तो रोडवेज़ की औसत कमाई प्रतिदिन दो करोड़ 55 लाख रुपये रही लेकिन बाकी दिनों में यह आमदनी एक करोड़ 26 लाख रुपये तक सिमट गई है.
यह भी पढ़ें : जीतन राम मांझी दिलाएंगे नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ
यह भी पढ़ें : ललकी चुनरिया उढ़ाई द नजरा जइहैं मइया ….
यह भी पढ़ें : बाइडन कैबिनेट में भारतवंशियों का डंका
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : नमस्ते ट्रम्प
कोरोना महामारी का डर आम लोगों में इतना ज्यादा है कि वह बसों में चलने से डरने लगे हैं. उन्हें ज़रूरी यात्रा करनी होती है तो अपने टू व्हीलर या फिर कार से जाना सुरक्षित समझते हैं. यात्रा करने वाले जानते हैं कि निजी वाहन से यात्रा करना जेब पर भारी पड़ता है लेकिन ज्यादा पैसा खर्च करके वह कम से कम कोरोना से तो सुरक्षित रहते हैं.