जुबिली न्यूज़ डेस्क
अगर आप भी अपने घर में किरायेदार रखते हैं तो ये खबर जान लेना आपके लिए बेहद जरुरी है। दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कुछ ऐसा करने की तैयारी कर रही है जिससे न तो किरायेदार और न ही मकानमालिक दोनों को किसी भी तरह की कोई समस्या हो।
जी हां अब मकानमालिक बिना अग्रीमेंट के किरायेदार नहीं रख सकेंगे। यही नहीं मकानमालिक को इस बात की जानकारी किराया प्राधिकरण को भी देनी होगी।
इसके अलावा जो मकानमालिक अपने मनमाने ढंग से किराया बढ़ा देते थे वो भी अब नहीं कर सकेंगे। इसको लेकर प्रदेश सरकार एक कानून लाने जा रही है। इसके लागू होने के बाद आवासीय पर पांच फीसदी और गैर-आवासीय पर सात फीसदी सालाना किराया बढ़ाया जा सकेगा।
किराएदार के लिए नियम होगा कि उसे रहने वाले स्थल की देखभाल करनी होगी। किरायेदार अगर दो महीने तक किराया नहीं दे सका तो मकानमालिक उसे हटा सकेगा। वहीँ बिना पूछे तोड़फोड़ भी नहीं कर पाएगा।
योगी सरकार ‘उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किराएदारी विनियमन अध्यादेश’ लाने जा रही है। इसके लिए आवास विभाग ने मसौदा तैयार कर लिया है और जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी चल रही है। इस कानून बनने के बाद किराएदारी के संबंध में मकान मालिकों को तीन माह के अंदर लिखित अनुबंध पत्र किराया प्राधिकारी को देना होगा।
इसके अनुसार अगर आपने से पहले से किरायेदार को रख रखा है और उसका लिखित अनुबंध नहीं है तो अनुबंध पत्र लिखित कराने के लिए तीन माह का समय दिया जाएगा। किराया बढ़ाने को लेकर भी किराया प्राधिकरण संशोधित किराया और किराएदार द्वारा देय अन्य शुल्क निर्धारित कर सकता है।
एडवांस के मामले में आवासीय परिसर के लिए सिक्योरिटी डिपाजिट दो महीने से अधिक नहीं होगा, जबकि गैर-आवासीय परिसर के लिए छह माह का एडवांस लिया जा सकेगा।
इस कानून को केंद्र, राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, भारत सरकार के उपक्रम, स्थानीय निकाय अथवा छावनी परिषद में लागू नहीं किया जाएगा। कंपनी, विश्वविद्यालय अथवा किसी संगठन में सेवा अनुबंध के रूप में अपने कर्मचारियों को किराए पर दिए गए आवास पर भी यह कानून लागू नहीं होगा। इसके अलावा धार्मिक संस्थान, लोक न्याय अधिनियम के तहत पंजीकृत ट्रस्ट, वक्फ के स्वामित्व वाले परिसर पर ये कानून प्रभावी नहीं होगा।
इस कानून के लागू होने के बाद सहमति अनुबंध पत्र की शर्तों पर लिखित समझौते के बिना घर किराए पर आप नहीं दे सकेंगे। मकान मालिक और किराएदार दोनों को मिलकर इसकी सूचना किराया प्राधिकरण को देनी होगी। किराया प्राधिकरण एक यूनिट आईडेंटीफिकेशन नंबर देगा। सूचना देने की तिथि से सात दिन के अंदर वेबसाइट पर किराएदार की सूचना को अपलोड करना होगा।
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किराएदारी अवधि का निर्धारण और नवीनीकरण मकान मालिक तथा किराएदार के बीच किया जाएगा। यह अनुबंध पत्रों की शर्तों के आधार पर किया जाएगा। मृत्यु के मामले में उत्तराधिकारियों के अधिकार व अनुबंध पत्र की शर्तें मकान मालिक के साथ-साथ किराएदार के उत्तराधिकारियों पर लागू होगी।
किराएदारी अनुबंध पत्र की मूलप्रति की एक प्रति दोनों के पास रहेगी। इस अनुबंध पत्र के अनुसार समय पर किराया देना होगा। मकान मालिक को किराये की रसीद देनी होगी। मकान मलिक को जरूरी सेवाएं देनी होंगी। मकान मालिक किराएदार को अनुबंध अवधि तक बेदखल नहीं कर सकेगा।