जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब वाहनों को लेकर एक और नया कदम उठाने जा रही है। इसको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग को निर्देश जारी किया है। दरअसल अक्सर आपने देखा होगा कि उत्तर प्रदेश में वाहनों के पीछे लोग अपनी जाति लिखवा लेते हैं। इसी को लेकर प्रदेश सरकार की तरफ से नया आदेश जारी किये गये हैं।
सरकार के ऐसा करने के पीछे जो वजह है वो है महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु का लिखा पत्र है। इसमें उन्होंने यूपी में दौड़ते ‘जातिवादी’ वाहनों को सामाजिक ताने-बाने के लिए एक खतरा बताया था। अक्सर यूपी में कार-बाइक, बस-ट्रक ही नहीं ट्रैक्टर और ई-रिक्शा तक पर ‘ब्राह्मण’, ‘क्षत्रिय’, ‘जाट’, ‘यादव’, ‘मुगल’, ‘कुरेशी’ लिखा हुआ दिख जाता है।
इसको लेकर मुंबई के उपनगर कल्याण के रहने वाले शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस तरफ खींचा। उन्होंने आईजीआरएस पर पीएम मोदी से इसकी शिकायत की। और पत्र में लिखा कि उप्र व कुछ अन्य राज्यों में वाहनों पर जाति लिखकर लोग गर्व महसूस करते हैं। इससे सामाजिक ताने-बाने को भारी नुकसान पहुंचता है, जोकि कानून के खिलाफ है।
उन्होंने लिखा कि हमारे देश में वैसे भी जाति आधारित अपराधों के प्रति संवेदनशील है। इस तरह की गाड़ियों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। पीएमओ ने यह शिकायत उप्र सरकार को भेजा है। इसके बाद यहां अपर परिवहन आयुक्त मुकेश चंद्र ने ऐसे वाहनों के खिलाफ तुरंत अभियान चलाने का आदेश दे दिए हैं। उन्होंने सभी आरटीओ से कहा है कि ‘जाति’ चाहे वाहन पर लिखी हो या नंबर प्लेट पर, ऐसे वाहनों को तुरंत सीज करें।
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अपर परिवहन आयुक्त ने कहा कि वाहनों पर या नंबर प्लेट पर जातिसूचक शब्द नहीं लिखे जाने चाहिए। और अगर ऐसा किसी भी वाहन में मिलता है तो उल्लंघन पर वाहन को सीज किया जाएगा। हमारी प्रवर्तन टीमों के अनुसार हर बीसवें वाहन पर जाति लिखी होती है। मुख्यालय की तरफ से ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए गये हैं। कानपुर जोन के सभी आरटीओ को तुरंत कार्रवाई को कहा गया है।
अक्सर इसी तरह के मुद्दे उठाते हैं हर्षल
बता दें कि मोदी से शिकायत करने वाले हर्षल प्रभु ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि वाहन तक में जाति लिखना सामाजिक ताने-बाने के लिए अच्छा नहीं है। यूपी में ऐसा बहुत देखा जाता है। इसके बारे में मुझे उप्र के एक दोस्त आशीष कनौजिया ने बताया। इस पर नियंत्रण होना चाहिए।
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उन्होंने बताया कि मैं लगातार ऐसे बिंदुओं पर जिम्मेदारों को लिखता रहता हूं। इससे पहले उन्होंने पिछले दिनों ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के डैम, मानव तस्करी, कोरोना आइसोलेशन सेंटरों की दुर्गति आदि पर भी शिकायतें की थीं।