न्यूज डेस्क
वैश्विक महामारी के कहर के बीच में भी उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन का आगाज हो गया है। केंद्र से आर्थिक पैकेज की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के 56 हजार 754 उद्यमियों को एकमुश्त दो हजार दो करोड़ के लोन बांटे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से एमएसएमई सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की घोषणा का स्वागत किया है। साथ ही सीएम योगी ने एमएसएमई सेक्टर के लिए गुरुवार से ऑनलाइन लोन मेला शुरू करने का ऐलान किया है।
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बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने की तैयारी पहले से ही कर रखी थी। केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज एलान के तत्काल बाद लाकडाउन अवधि में भी इतनी बड़ी धनराशि का लोन देने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक क्लिक पर आनलाइन दो हजार दो करोड़ रुपया का लोन देकर रोजगार संगम आनलाइन मेला की व्यापक शुरूआत की है। एक टेबल पर उद्यमियों और बैंकर्स को बैठाकर 56 हजार 754 उद्यमियों को एक क्लिक पर 2 हजार 2 करोड़ का लोन दिया गया है। इस दौरान इन 56 हजार 754 इकाईयों से दो लाख लोगों को रोजगार की गारंटी भी मिली है।
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सीएम योगी ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के तहत लगभग 36,000 व्यापारियों को 1,600-2,000 करोड़ रुपये का ऋण मिलेगा। उन्होंने कहा कि MSME सेक्टर में यूपी में अपार संभावनाएं हैं। काफी तादाद में रोजगार सृजन होगा। करीब 2 लाख लोगों को नए रोजगार से जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 25 लाख प्रवासी मजदूर आएंगे। प्रवासी मजदूरों की क्षमता का लाभ उठाएंगे। हमारे पास अब तक लगभग 12 लाख प्रवासी मजदूर आ चुके हैं, 10 लाख प्रवासी मजदूर अभी और आने वाले हैं। इनमें ड्राइवर, प्लंबर, टेलर, अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाले बहुत अच्छे कौशल के लोग हैं।
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सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश मनरेगा में रोजगार देने में अग्रणी प्रदेशों में है। कल तक हम प्रतिदिन 25 लाख लोगों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दे रहे थे। मेरा अनुमान है कि इस महीने के अंत तक हम इसे 50 लाख तक लेकर जाएंगे।
बता दें कि राज्य में इस समय करीब 90 लाख एमएसएमई इकाईयां सक्रिय हैं। इनमें 3.5 करोड़ लोग रोजगार से जुड़े हैं। देश की कुल एमएसएमई इकाईयों में यूपी की हिस्सेदारी 14 फीसदी है। वहीं देश से होने वाले कुल निर्यात में भी इन इकाईयों की हिस्सेदारी 10 फीसदी है।
2019-20 में राज्य की इन इकाईयों ने 1.10 लाख करोड़ का निर्यात किया। गौरतलब है कि देश की जीडीपी में एमएसएमई की हिस्सेदारी 30 फीसदी है। समूचे देश में करीब पांच करोड़ इकाईयां हैँ। कुल निर्यात में 40 फीसदी हिस्सेदारी भी एमएसएमई की है। 11 करोड़ लोग देशभर में इस उद्योग से रोजगार में जुड़े हैं।