स्पेशल डेस्क
लखनऊ। डीजीपी ओ.पी. सिंह 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में सूबे का नया डीजीपी कौन होगा, इसको लेकर अभी से कयास लगने लगे हैं। हालांकि इस पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं लेकिन अभी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।
इस बार डीजीपी पद का चयन आसान नहीं है। दरअसल पहले राज्य सरकार डीजीपी को तैनात कर थी लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। नई व्यवस्था के तहत सरकार को अधिकारियों के नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग को भेजना होगा।
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वरिष्ठ आईपीएस अफसर तथा डीजी नागरिक सुरक्षा जे एल त्रिपाठी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग को डीजीपी पद पर चयन के लिए भेजे गए नामों के संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच ने याचिका दायर की गयी है। इस मामले की सुनवाई 24 जनवरी को हो सकती है।
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वादीगण की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने बताया कि प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक राज्य सरकार को संघ लोक सेवा आयोग को वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों की सूची भेजने तथा आयोग द्वारा इनमे राज्य सरकार को 3 नाम चयनित कर भेजने का आदेश दिया है।
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इसके विपरीत राज्य सरकार ने जे एल त्रिपाठी को प्रदेश में कार्यरत वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों में तीसरे स्थान पर होने के बाद भी उनका नाम नहीं भेजा तथा उनसे जूनियर अफसरों के नाम भेजे, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।
नूतन ने अनुसार राज्य सरकार के इस कदम से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की स्पष्ट अवहेलना हुई है. अत: त्रिपाठी ने राज्य सरकार को तत्काल उनका नाम भेजने तथा आयोग को उनके नाम को 3 वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों की सूची में शामिल करने की प्रार्थना की है।