जुबिली न्यूज ब्यूरो
देशभर के किसान जहां दिल्ली से लगी सीमा पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं वहीं किसान सरोकारों को आवाज देने के लिए कुछ नई पत्रिकाएं भी आकार लेने लगी है। लखनऊ से ऐसी ही एक कोशिश के रूप में ‘किसान सरोकार’ नाम से एक पत्रिका का प्रकाशन शुरू हो रहा है। शुक्रवार को इस मासिक पत्रिका के डिजिटल एडिशन की लांचिंग हो गई। पत्रिका का प्रिंट एडिशन अगले तीन – चार दिन में बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगा।
इस पत्रिका के मुख्य संपादक विनोद सिंह कहते हैं, ‘देश में दिन प्रतिदिन किसानों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और राजनैतिक दल उन्हें सिर्फ एक वोट बैंक से अधिक तरजीह नहीं देते। इसकी एक बड़ी वजह देश में उनकी अपनी कोई आवाज़ का ना होना भी है। किसान सरोकार के जरिए हमारी कोशिश किसानों की अपनी आवाज़ बनने की है।’
पत्रिका के संपादक अखंड प्रताप सिंह ने कहा, ‘अरसे से हिंदी भाषा में किसानों की अपनी एक स्तरीय पत्रिका का अभाव महसूस किया जा रहा था। इसी कमी को पूरा करने के लिए ‘किसान मंच’ ने इस 52 पेज की पत्रिका लाने की योजना को अमली जामा पहना दिया है।
शानदार कटेंट वाली सम्पूर्ण रंगीन मासिक पत्रिका ‘किसान सरोकार’ का शुभारंभ किसानों की हर तरह की समस्या और आधुनिक तकनीक से खेती की सहायता की जरूरतों को पूरा करेगी।
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ये पत्रिका किसानों की अपनी आवाज़ बनकर उनके हितों की न सिर्फ लड़ाई लड़ेगी बल्कि उनको अपना सम्मानजनक हक भी दिलवाएगी। अन्नदाता के लिए इतने बड़े मिशन की शुरुआत के लिए ‘किसान सरोकार’ टीम ने खेती किसानी से जुड़े विशेषज्ञों का एक बड़ा पैनल तैयार किया है। वे खेती किसानी से जुड़े कानूनी और अन्य पहलुओं पर अपने लेखन से इस अहम विषय की पत्रकारिता को नई ऊंचाई देने की कोशिश करेंगे।