जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश में बदमाशों के हौसलें बुलंद है। पुलिस और प्रशासन के भय से अब बदमाश मुक्त हो चुके हैं। इसलिए किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले वो बिल्कुल भी सोचते नहीं है।
ताजा मामला कासगंज का है जहां बीती देर शाम शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने गई पुलिस पर बदमाशों ने हमला कर दिया था। इसके बाद एक सिपाही को पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया जबकि दरोगा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
इस घटना के बाद बुधवार सुबह ही एक्शन में आई पुलिस ने एनकाउंटर में इस हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी के भाई को मार गिराया है, जबकि अन्य की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने जिस बदमाश एलकार सिंह को मार गिराया है वो भी हिस्ट्रीशीटर है और वह जेल भी जा चुका है।
इस मामले में सिढ़पुरा थाना प्रभारी प्रेमपाल सिंह ने बताया कि शराब माफिया और उसके साथियों की तलाश करने में पुलिस लगातार छापे मार रही थी। इसी दौरान पुलिस और शराब माफिया के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस को देखकर माफिया ने गोलियां चलाना शुरू कर दिया, जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की।
दोनों तरफ से हो रही फायरिंग में पुलिस की गोली शराब माफिया मोती के भाई एलकार सिंह को लगी। गंभीर हालत में उसको अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गौरतलब है कि यह पूरी घटना सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव नगला धीमर की है। यहां दारोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने के लिए दबिश देने गये थे। यहां पहुंचते ही शराब माफियाओं ने पुलिस पर हमला कर उन्हें बंधक बना लिया।
इसके बाद बदमाशों ने दोनों को बुरी तरह से पीटा जिससे सिपाही की मौत हो गई। वहीं, दारोगा बुरी तरह से घायल हो गया। इस पूरे मामले में एक बार फिर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
कानपूर के बिकरु कांड से सबक न लेते हुए केवल दो पुलिसकर्मी ही अवैध शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने पहुंच गई। इस मामले की जानकारी जब आलाधिकारियों को हुई तो वे भी घटनास्थल पहुंचे। काफी तलाश करने के बाद दारोगा निर्वस्त्र और लहूलुहान हालत में गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत में पड़े मिले। वहीं, सिपाही का शव मौके से बरामद हुआ।
उधर इस पूरी घटना का संज्ञान लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर एनएसए लगाने सहित कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है ।
सामने आ रहा मैनपुरी कनेक्शन
पुलिस पर हुए हमले का कनेक्शन मैनपुरी से भी जोड़ा जा रहा है। पुलिस को मौके से एक बाइक बरामद हुई है, जो बदमाशों की है। गौरतलब है कि साल 2016 में एटा के अलीगंज और मैनपुरी के कुछ क्षेत्रों में जहरीली शराब से 48 लोगों की जान चली गई थी। इसमें जहरीली शराब को मैनपुरी से ही अलीगंज और एटा के अन्य हिस्सों में भेजा गया था।
इस घटना के बाद लगातार शासन और प्रशासन सख्त हुआ जिसके बाद इस पर कुछ अंकुश तो लगा, लेकिन अभी भी चोरी छुपे अवैध और कच्ची शराब का धंधा चलता रहता है। गाहे-बगाहे पुलिस दबिश देकर इसका खुलासा भी करती रहती है।