जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश की कासगंज पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। यहां सिपाही की हत्या के मुख्य आरोपी शराब माफिया मोती सिंह को यूपी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है।इसके बाद उसे जिला अस्तपताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मालूम हो कि बीती 9 फ़रवरी को शराब माफिया मोती सिंह ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इस हमले में सिपाही देवेन्द्र की मौत हो गई थी जबकि एक दरोगा बुरी तरह से घायल हो गये थे। यही नहीं आरोपी ने दरोगा की पिस्टल भी लूट ली थी। इसके बाद रविवार को यानी आज पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी।
पुलिस ने इस हत्याकांड में फरार चल रहे एक लाख के इनामी बदमाश मोती को एनकाउंटर में मार गिराया। साथ ही उसके पास से लूटी गई दरोगा की सरकारी पिस्टल भी बरामद कर ली है।शराब माफिया पर पहले से ही एक दर्जन से अधिक आपराधिक मुक़दमे दर्ज थे।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर ने बताया कि मोती सिंह पर एक लाख का इनाम था। 9 फ़रवरी को उसने हमारी टीम पर हमला कर सब इंस्पेक्टर अशोक को घायल कर दिया था और एक सिपाही देवेंद्र को पीट-पीटकर मार डाला था। आज पुलिस की संयुक्त टीम क्षेत्राधिकारी पटियारी नेतृत्व में क्राइम ब्रांच और एसओजी आरोपी की तलाश में निकली थी।
जनपद में पुलिसकर्मी की हुई सनसनीखेज हत्या का मुख्य अभियुक्त एक लाख का इनामियां मोती पुलिस मुठभेड में ढेर, कब्जे से लूटी गई सरकारी पिस्टल, खोखा व जिंदा कारतूस.9mm, 01 अवैध तमन्चा 315 बोर मय खोखा व जिन्दा कारतूस के बरामद । @Uppolice @dgpup @adgzoneagra @igrangealigarh pic.twitter.com/p82RqHmNq5
— KASGANJ POLICE (@kasganjpolice) February 21, 2021
इसके बाद जैसी ही पुलिस काली नदी के पास पहुंची तो उसने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस की तरफ से जवाबी फायरिंग में एक गोली मोती लगी। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने बताया कि अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। अभी इस मामले में दो अन्य आरोपी मोहर और मानपाल फरार हैं। पुलिस जल्द ही दोनों को गिरफ्तार करेगी।
एलकार को भी एनकाउंटर में मार गिराया था
बता दें कि 9 फरवरी को हुई घटना के 12 घंटे के बाद ही पुलिस ने मोती के भाई एलकार को मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस के अनुसार ऐलकार भी सिपाही देवेंद्र जसावत की हत्या करने वालों में शामिल था। ऐलकार को पुलिस ने काली नदी की कटरी किनारे मुठभेड़ में मार गिराया था। वो धीमर गांव का रहने वाला था। उस पर भी कई मामले दर्ज हैं।
पुलिस से मजबूत था मोती का सूचना तंत्र
वहीं, बताया जा रहा है कि हत्यारोपी की तलाश में जुटी पुलिस जिस सूचना तंत्र का इस्तेमाल कर रही थी, उससे कहीं ज्यादा हत्यारोपी मोती का सूचना तंत्र मजबूत था। पुलिस उसकी तलाश में लगी थी और मोती पुलिस की लोकेशन पर चल रहा था। ऐसा कहा जा रहा है कि गांव के बच्चे तक उसे पुलिस की लोकेशन बता रहे थे। इस लिए वो पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था।