न्यूज़ डेस्क
एक तरफ बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौतों का सिलसिला अभी थमा नहीं है तो दूसरी तरफ गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) से मौतों का सिलसिला शुरु हो गया है। यहां अभी तक 87 मरीज भर्ती हुए है जिसमे 19 मरीजों की मौत हो गयी है। हालांकि, पिछले दो सालों की तुलना में इस साल मरीजों की संख्या और मौत का आंकड़ा काफी कम है।
लेकिन फिर भी जिस तरह से जई और एइएस के मरीजो की संख्या लगातार बढ़ रही है उससे हालात चिंताजनक हो गये है। इसको लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ गणेश कुमार ने बताया कि 2017 में 2248 से ज्यादा जेई और एइएस के मरीज भर्ती हुए थे। इसमें 512 मरीजों की मौत हो गई थी। 2018 में इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या 1047 थी, जिसमें से 166 लोगों की जान नहीं बचा सके।
उन्होंने बताया कि इस साल हमने पहले से ज्यादा तैयारी की है ताकि मौत का आंकड़ा कम हो सके। हमने बेड की संख्या को बढ़ा दिया है। हमारे पास वेंटीलेटर हैं। पीडियाट्रिक विभाग में मेडिकल स्टोर की व्यवस्था भी कर दी गई है। हमने नियमित लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई की भी व्यवस्था की है। इस साल जेई और एइएस के मरीजों की संख्या में कमी भी देखने को मिल रही है।
गौरतलब है कि अगस्त 2017 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में सूबे की योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इस हादसे के बाद से सरकार का दावा है कि उसने जेई व एइएस की रोकथाम के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। पूर्वांचल के 11 प्रभावित जिलों में टकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। साथ करीब ढाई लाख वालंटियर्स की टीम भी लोगों को जागरूक करने में लगी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था विवादित बयान
साल 2017 में मौतों को लेकर योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने विवादित बयान दिया था उन्होंने कहा था कि अगस्त में ज्यादातर बच्चों की मौतें हो जाती है। उनके इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी निंदा की थी साथ ही इस्तीफे की मांग की थी।
योगी सरकार ने इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम पर पाया काबू
हालांकि, योगी सरकार ने पिछले दो सालो में इस सिंड्रोम में कई हद तक सुधार किया है। इस पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘पशेंट ऑडिट फार्मूला’ रामबाण माना जा रहा है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में यूपी, बिहार और नेपाल से आने वाले इंसेफेलाइटिस प्रभावित बच्चों के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘पशेंट ऑडिट फार्मूला’ एक वरदान साबित हुआ है।
साल 2018 से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पेशेंट ऑडिट फार्मूला और पेशंट केयर फार्मूला लागू किया था। इस फार्मूले से यहां भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों का आंकड़ा काफी कम हो गया है।
यूपी में इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी दो साल में घटकर आधी और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में महज सात फीसदी रह गई है। योगी सरकार के निर्देश पर दस्तक अभियान की शुरुआत अप्रैल माह शुरू होते ही कर दी गई। इसके अलावा जिलाधिकारी के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी भी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए रैलियां निकाली।