Tuesday - 29 October 2024 - 12:00 AM

सीएम योगी ने बताया महिला सशक्तिकरण के लिए किसकी अहम भूमिका जरुरी

  • हर जनपद में बलनी मिल्क प्रोड्यूसर जैसे संगठन की हैं संभावनाएं
  • स्वयं सहायता समूहों को सरकार ने दिए 445.92 करोड़ रूपये
  • 97,663 स्वयं सहायता समूहों और उनके संगठनों को लाभ
  • सीएम ने कहा, जितनी दिल्ली की जनसंख्या यूपी में उतने स्कूली बच्चे

जुबिली न्यूज़ डेस्क

उत्तर प्रदेश की सीएम योगी ने महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए प्रतिबद्ध होकर लगातार आगे बढ़ रही है। इस क्रम में 5 कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 97,663 से अधिक स्वयं सहायता समूहों एवं उनके संगठनों को 445.92 करोड़ रुपये की पूंजीकरण धनराशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया।

यह महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों के सृजन और महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने की दिशा में एक बड़ी सौगात है। इस दौरान सीएम योगी ने कई जिलों की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बात की। बातचीत के दौरान सीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन के लिए स्वयं सेवा समूह की अहम भूमिका है। इसी का परिणाम है कि महिला अपने गांव के लिए ट्रैक्टर चलाकर राशन अपने गांव ला रही है।

सीएम ने कहा कि जितनी दिल्ली की जनसंख्या है उतने बच्चे तो हमारे बेसिक शिक्षा में पढ़ते हैं। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत करते हुए ड्रेस बनाने के साथ स्वेटर बनाने के लिए उन्होंने आह्वान किया। साथ ही यूपी को रेडिमेड कपड़ों का हब बनाने के लिए आगे आने के लिए स्वयं सहायता समूह को प्रेरणा दी।

सरकार के सहयोग से आज प्रदेश में 3,93,447 स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लगभग 45,24,640 परिवारों के जीवन में बदलाव आया है। इन परिवारों की महिलाओं के स्वावलंबी होने से परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

महिला शक्तिकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में स्वावलम्बन के लिए महिला स्वयं सहायता समूह की बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है। कैसे बुंदलेखण्ड में हर जनपद में बलनी मिल्क प्रोड्यूसर ने एक वर्ष 46 करोड़ रुपये का बिजनेस किया और 2 करोड़ 26 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है। किसी भी महिला समूह के लिए यह अपने आप में एक उदाहरण है।

यह संभावना केवल बुंदेलखण्ड में ही नहीं है बल्कि यह संभावना तो प्रदेश के अंदर हर जनपद में मौजूद है, हर एक स्तर पर मौजूद है। केवल हमारे प्रशासनिक अधिकारी गण और इससे जुड़े अधिकारी योजक के रूप में इससे जुड़कर काम करना शुरू कर देंगे। तो हर जनपद में हम एक बलनी मिल्क प्रोड्यूसर जैसा संगठन खड़ा कर सकते हैं जो मातृशक्ति के स्वावलम्बन की दिशा में, बहन बेटियों के स्वालम्बन की दिशा में आगे बढ़ सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 51,981 आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार की जगह सूखे राशन जैसे गेहूं, दाल, चावल व दुग्ध पदार्थ आदि का वितरण किया जा रहा है। इसके साथ ही स्कूली बच्चों के ड्रेस जिसकी खरीद पहली ई-टेंडरिंग के माध्यम से होती थी उसकी प्रक्रिया सरल बनाने और रोजगार देने के लिहाज से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से ड्रेस सिलवाने का निर्णय लिया गया।

इसके बाद 67 हजार समूह सदस्यों द्वारा प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए 1 करोड़ 28 हजार स्कूल ड्रेस तैयार कर लिए गए। साथ ही समूहों व इनके माध्यम से जुड़ी महिलाओं को 100 करोड़ से अधिक की आमदनी भी हुई। अकेले प्रयागराज में एक महिला स्वयं सहायता समूह के द्वारा 17 हजार ड्रेस बनाए गए।

जितनी दिल्ली की जनसंख्या यूपी में उतने स्कूली बच्चे

मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी दिल्ली की जनसंख्या है उतने तो हमारे बेसिक शिक्षा में बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने इन स्कूल के बच्चों के लिए ड्रेस बनाने के साथ स्वेटर बनाने के लिए भी आह्वान किया। रेडिमेड कपड़े बनाने की ट्रेनिंग लें जिससे यूपी को रेडीमेड कपड़ों का हब बनाया जा सके। मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती व इत्र बनाने के लिए आगे आने के लिए कहा। इससे आत्मनिर्भर भारत का आधार स्थानीय उत्पाद बन सकेगा।

एक साल में एक करोड़ महिलाओं को समूह से जोड़ने का लक्ष्य

प्रदेश के अंदर लगभग 4 लाख महिला स्वयं सेवा समूह हैं। जिसमें करीब 45 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। हमारा प्रयास हो कि अगले एक वर्ष में इसे दोगुना करने का लक्ष्य प्राप्त हो जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने महिलाओं को दुग्ध उत्पादन से जोड़ने का आह्वान किया।

बताया कि यूपी एसआरएलएम और आसीआईआसीआई बैंक के बीच विशेष एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। जिससे इस कार्यक्रम को और बेहतर ढंग से पूरे प्रदेश में क्रियान्वित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा की अधिकारी किसी गरीब की दुर्घटना होने पर सहायता के लिए शासन के निर्देशों का इंतजार न करें। साथ ही कहीं पर कोई ठंड से न मरे इसका ख्याल रखे। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।

बीसी सखी के माध्यम से गांवों में घर बैठे ही हो सकेगा बैंकिंग का कामकाज

अब गांवों में भी बैंकिंग लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को आगे लाया जा रहा है। प्रदेश में 59 हजार ग्राम पंचायतें हैं और इनपर महज 18 हजार बैंक की शाखाएं हैं। अभी हर गांव में बैंक नहीं है, जिसके चलते तमाम सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली धनराशि के लिए व निजी लेन-देन के लिए भी ग्रामीणों को दूर-दराज स्थित बैंक में जाना पड़ता था।

कोरोना काल में बैंकों पर भीड़ एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई। साथ ही भीड़ के साथ काम का बोझ अधिक हो जाने से बैंक का कामकाज भी प्रभावित होता है। गांवों में कभी बिजली तो कभी सर्वर की समस्या होती थी। जिसके चलते लोगों को पैसे के लेनदेन के लिए कई दिन लग जाते थे। अगर किसी को तत्काल पैसे की जरूरत होती तो भी बैंक चाहकर भी उसकी मदद नहीं कर सकता था।

इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैकिंग सुविधा का लाभ गांव-गांव और घर-घर सुलभ तरीके से पहुंचाने के लिए बीसी सखी योजना शुरू करने का फैसला लिया।

ये भी पढ़े : 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ से दिखेगा राम मन्दिर

ये भी पढ़े : जदयू अध्यक्ष से कांग्रेस और बसपा विधायकों की मुलाक़ात से बिहार की सियासत गर्म

योजना के तहत 58 हजार ग्राम पंचायतों में महिलाओं को बैंकिंग संवाददाता सखी के रूप में चयनित किया जा रहा है। जो बैंकों से जुड़कर लेनदेन में मदद करेंगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि गांव में ही किसी भी समय पैसा जमा करने व निकालने की सुविधा मिलेगी।

इसके साथ ही प्रदेश में बने सामुदायिक शौचालय के संचालन के लिए भी योगी सरकार ने 7,213 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जिम्मेदारी दे दी है। इससे उन्हें गांव में ही रोजगार के साधन उपलब्ध हो गए हैं। इन्हें इसके लिए 6 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। बिजली बिल के कलेक्शन के लिए भी महिला स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी दी गई है।

ये भी पढ़े : छात्रों का डेटाबेस बेचे जाने पर आईपीएस अफसर ने लिखा DGP को पत्र

ये भी पढ़े : कब होगी रेल सेवाएं सामान्य, जानिए क्या बोला रेलवे बोर्ड

इसमें प्रतिबिल जमा करवाने पर 20 रुपये का कमीशन तय किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अंदर राशन की दुकानों की शिकायत आने पर उन्हें निरस्त करने के बाद आवंटन के लिए महिला स्वयं सेवा समूह की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

प्रदेश में योगी सरकार की ओर महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह , महिलाओं के लिए भाग्यलक्ष्मी योजना, विधवा महिलाओं की लिए मदद, निराश्रित महिला पेंशन योजना आदि से यूपी में महिलाओं को सम्मान के साथ सुरक्षा मिल रही है और वे स्वावलंबित हो रही हैं। इसी का परिणाम है कि सरकार के विभिन्न योजनाओं में स्वयं व स्वयं सहायता समूहों के माध्यमों से जुड़कर प्रदेश की महिलाएं सशक्त बन रही है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com