न्यूज डेस्क
यूपी के हमीरपुर में सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम ने डेरा डाल दिया है। इसके बाद से सभी खनन माफियाओं के बीच हडकंप मच गया है। सीबीआई टीम ने पिछली सरकार में हुए 900 करोड़ से अधिक खनन घोटाले की जांच के लिए हमीरपुर के मौदहा डेम गेस्ट हाउस में डेरा डाला हुआ है। इस दौरान सीबीआई ने खनिज कार्यालय में छापा मारकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज खंगाले।
इस मामले में सीबीआई ने अभी तक 78 लोगों को नोटिस भेजा है। अवैध खनन मामले जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें आईएएस अफसर बी चन्द्रकला, सपा एमएलसी रमेश मिश्रा, पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित सहित कई लोग शामिल हैं। साथ ही कई मौरंग माफियाओं के भी नाम है। इन सभी को मंगलवार को सीबीआई के कैंप कार्यालय में पेश होना है।
मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई मौरंग खनन को लेकर पहले से अब तक के सभी पट्टों की जांच करेगी। इसमें हाल में ही हुए खनन के 25 पट्टे भी शामिल किया गये हैं। सीबीआई छह दिसंबर तक कैंप कार्यालय में रहेगी। वहीं सुरक्षा के मामले को लेकर एसपी की तरफ से कैंप कार्यालय के बाहर एक दरोगा और सिपाही को तैनात किया गया है।
बता दें सीबीआई ने जून 2019 में सपा एमएलसी रमेश मिश्रा सहित 11 खनन माफियाओं के ठिकानो में छापा मारा था जिससे खनन माफियाओं के बीच हडकंप मच गया था। इसके अलावा सीबीआई आईएएस बी चंद्रकला सहित 11 लोगो को निशाना बना चुकी है और 63 लोगों को आरोपी बनाया था। इसके बाद एक बार फिर सीबीआई की टीम ने हमीरपुर में एक बार फिर से छापा मारा है।
गौरतलब है कि जुलाई 2012 के बाद से जिले में 62 मौरंग के खनन के पट्टे हुए थे। इसमें ई-टेंडर का प्रावधान था। लेकिन आरोप है कि सारे प्रावधानों की अनदेखी कर तत्कालीन जिलाधिकारी बी चन्द्रकला ने रमेश मिश्रा के साथ मिलकर जिले में जमकर अवैध खनन करवाया।
इसके बाद साल 2015 में मौरंग के अवैध खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई थी। हाईकोर्ट ने सभी खनन पट्टे को अवैध घोषित कर दिया। लेकिन इसके बाद भी यह काला कारोबार जारी रहा। बाद में कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंप दी।