जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। आदि देव ‘महादेव’ और शक्ति की देवी ‘पार्वती’ के शुभ विवाह के मंगल प्रतीक ‘शिवरात्रि’ के अवसर पर उत्तर प्रदेश ‘शिवमय’ हो गया। भाेर दो बजे से नदी के पावन तटों और शिवालयों से उठा आस्था का ज्वार देर शाम तक थमने का नाम नहीं ले रहा था।
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी, संगम नगरी प्रयागराज, मर्यादा पुरूषोत्तम की नगरी अयोध्या और कान्हा की नगरी मथुरा समेत राज्य के कण कण में आज सिर्फ और सिर्फ शिव भक्ति ही समायी हुयी थी।
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‘बोल बम’, ‘हर हर महादेव’, हर हर बम बम’ और ‘जय बाबा की‘ के गगनभेदी उदघोष के बीच शिवालयों में अनवरत गूंज रही घंटे घड़ियाल की सुरमयी ध्वनि ने समूचे वातावरण को ‘शिवमय’ बना दिया था।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कहीं महाकाल का रूद्राभिषेक मंत्रोच्चार के बीच सम्पन्न हो रहा था तो कहीं वृहद भंडारों का आयोजन किया गया था। इस दौरान आकर्षक ढंग से निकली शिव बारातों ने सबका मन मोह लिया। मंदिरों में जलाभिषेक के लिये भोर से लगी श्रद्धालुओं की लंबी कतार में देर शाम तक लेशमात्र भी कमी नहीं आयी थी।
मंदिरों मे प्रबंध तंत्र के तौर पर तैनात शिवभक्त पवित्र शिवलिंग पर चढ़े बेलपत्र,पुष्प, भांग,धतूरा,चंदन,फल आदि को हटाने में लगातार लगे हुये थे,दूसरी ओर उतनी ही पूजन सामग्री भगवान भोलेनाथ पर भक्तगण अर्पित किये जा रहे थे। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये गये थे। सीसीटीवी और ड्रोन के जरिये शिवालयों की निगरानी की जा रही थी।
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मंदिर के बाहर पुलिसकर्मी यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने में लगे रहे वहीं शिवालयों पर भी वे स्थानीय प्रबंधन के साथ भक्तगणों की कतार को सुव्यवस्थित करने में मशगूल दिखायी पड़े। गंगा, यमुना, गोमती आदि अन्य पावन नदियों के तटों पर भी श्रद्धालुओं का रेला नजर आया। इस मौके पर पुलिस के गोताखोर किसी अप्रिय घटना को टालने के लिये मुस्तैद रहे।
वाराणसी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ के दरबार में शाम पांच बजे तक करीब ढाई लाख श्रद्धालु हाजिरी लगाकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कर चुके थे। मैदागिन से चौक थाना और लक्सा के छोर पर लगी कतार पर जमे श्रद्धालु हर हर बम बम के उदघोष के साथ अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। भोर चार बजे से लगी कतार दोपहर तक उतनी ही लंबी दिखायी दे रही थी।
धूप की परवाह किये बगैर बच्चे,बुजुर्ग और महिलायें आस्था के समंदर में गोते लगाते दिखायी पड़े। बाबा विश्वनाथ मंदिर के अलावा बीएचयू विश्वनाथ दरबार, रामेश्वर, तिलभांडेश्वर महादेव, मारकंडेश्वर महादेव आदि प्रमुख शिवालयों में आस्था का सैलाब हिलाेरें मारता दिखायी पड़ा।
प्रयागराज में माघ मेला के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर कोरोना से बेपरावाह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई।तड़के चार बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ ने गंगा,यमुना और अन्त: सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के सभी आठों घाट पर स्नान के बाद पूजन के बाद पण्डों को दान दिया। स्नान के बाद बचे कुछ कल्पवासी मां गंगा से अगले वर्ष मिलने का आशीर्वाद लेकर अपने घरों को रवाना हुए।
लखनऊ के मनकामेश्वर मन्दिर, तक्षकेश्वरनाथ मन्दिर, हटकेश्वरनाथ मन्दिर, सोमेश्वर महादेव मन्दिर, कमौरी महादेव मन्दिर, पड़िला महादेव मन्दिर आदि में सुबह से श्रद्धालु बाबा के दरबाद में पहुंचकर पिण्डी पर दूध, बेलपत्र, धतूरा, भंग के साथ अबीर- गुलाल भी लगाया।
भीड़ को देखते हुए मन्दिर परिसर के बाहर बैरिकेटिंग लगाई गयी है। थोड़े- थोड़े लोगों को धीरे-धीरे मन्दिर में भोलेनाथ का दर्शन के लिए भेजा जा रहा था।विभिन्न इलाकों में भ्गवान भोलेनाथ की बारात भी निकाली गयी। इस दौान बाबा की बातरात में नंदी, भूत-प्रेत, साधु-महात्मा के साथ बैण्ड बाजा बजते हुए गली मुहल्ले से निकाली गयी। श्रद्धालुओं ने बारात पर फूलों की वर्षाकर स्वागत भी किया।
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