जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. रामपुर-सहसवान घराने से शास्त्रीय संगीत के प्रतिष्ठित कलाकार पद्मविभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में पैदा हुए उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने संगीत की तालीम अपने पिता उस्ताद वारिस हुसैन और चाचा उस्ताद नासिर हुसैन से ली.
शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उनकी शानदार सेवाओं के एवज में भारत सरकार ने साल 1991 में उन्हें पद्मश्री, 2006 में पद्मभूषण और साल 2018 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया. वह अव्वल दर्जे के शास्त्रीय गायक थे. उनकी गायकी में जो सुकून का अहसास होता था वह अचानक से खत्म हो गया है.
उनकी बहू नम्रता गुप्ता ने बताया कि वह बीमार चल रहे थे इसलिए उनकी देखभाल के लिए 24 घंटे एक नर्स उनकी सेवा में रहती थी. मसाज के दौरान आज उन्हें अचानक उल्टी हुई और उसके बाद उनकी सांस धीमी हो गई. फ़ौरन डाक्टर को बुलाया गया मगर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
उनकी मौत की खबर सुनते ही संगीत की दुनिया में दुःख की लहर दौड़ गई. लता मंगेशकर, उस्ताद अमज़द अली खान और ए.आर.रहमान जैसे बड़े कलाकारों ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है.
Mujhe abhi abhi ye dukhad khabar mili hai ki mahan shastriya gayak Ustad Ghulam Mustafa Khan Saheb is duniya mein nahi rahe. Ye sunke mujhe bahut dukh hua. Wo gayak to acche the hee par insaaan bhi bahut acche the. pic.twitter.com/l6NImKQ4J9
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) January 17, 2021
लता मंगेशकर ने कहा कि मुझे अभी यह दुखद खबर मिली कि महँ शास्त्रीय संगीत गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब इस दुनिया में नहीं रहे. यह सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ. वह गायक तो अच्छे थे ही पर इंसान भी बहुत अच्छे थे. उन्होंने कहा कि मेरी भांजी ने खां साहब से ही संगीत सीखा है. मैंने भी उनसे थोड़ा संगीत सीखा है. उनके जाने से संगीत की बड़ी हानि हुई. मैं उनको अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ.
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https://twitter.com/arrahman/status/1350734218733600770?s=20
ए.आर.रहमान ने लिखा कि सभी का सबसे प्यारा शिक्षक गफूर-उर-रहीम आपको अगली दुनिया में एक विशेष स्थान दे.