जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि गूगल पे एक तृतीय पक्ष एप प्रदाता है और यह किसी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है। आरबीआई ने मुख्य न्यायाधीश डी.एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि इसलिए इसके संचालन से 2007 के भुगतान और निपटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं होता है।
आरबीआई ने अदालत को ये भी बताया कि गूगल पे किसी भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता है, इसलिए वह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की अधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों की सूची में शामिल नहीं है।
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वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा ने एक जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि गूगल का मोबाइल भुगतान ऐप Google pay या संक्षेप में GPay, आरबीआई से अपेक्षित मंजूरियों के बिना वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रहा है। इस याचिका के जवाब में आरबीआई ने यह बात कही।
मिश्रा ने दावा किया है कि Google pay भुगतान और निपटान कानून का उल्लंघन कर एक भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि उसके पास इस तरह के कार्यों के लिए देश के केंद्रीय बैंक से कोई वैध अनुमति नहीं है।
पीठ ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है क्योंकि यह अन्य तीसरे पक्ष के एप को प्रभावित करता है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
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क्या है GPay
बता दें कि गूगल ने 2017 में मोबाइल पेमेंट सेगमेंट के मार्केट में एंट्री की थी और Google Tez के नाम से एक ऐप लॉन्च किया था, जिसका नाम बाद में बदलकर Google Pay कर दिया गया।
इस ऐप की मदद से आप अपने बैंक खाते को जोड़कर लेन-देन कर सकते है। इस ऐप की मदद से बिजली बिल का भुगतान, मोबाइल रिचार्ज सहित अन्य कई तरह के पेमेंट किए जाते हैं। गूगल पे पर UPI PIN की मदद से पेमेंट प्रोसेस पूरी होती है।
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