न्यूज डेस्क
कोरोना संकट के बीच अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के खिलाफ अमेरिका में उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा। आज प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर व्हाइट हाउस के बाहर धावा बोला। हालांकि उनसे निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस और घुड़सवार दस्ते के जवान मौजूद थे। हालात नियंत्रण से बाहर निकलते देख अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी मिलिट्री को उतारने का फैसला किया है।
What happened in Washington, DC last night was a total disgrace. As we speak, I’m dispatching thousands & thousands of heavily armed soldiers, military personnel & law enforcement officers to stop the rioting, looting, vandalism, assaults & wanton destruction of property: US Pres pic.twitter.com/cnvh80dhHh
— ANI (@ANI) June 1, 2020
ट्रंप ने कहा कि मैंने इस देश के कानून को सबसे ऊपर रखने की शपथ ली थी और मैं अब बिल्कुल वही करूंगा। उन्होंने कहा, ‘रविवार रात वॉशिंगटन डीसी में जो कुछ हुआ वह बेहद गलत है। मैं हजारों की संख्या में हथियारों से लैस सेना के जवानों को उतार रहा हूं। इनका काम दंगा, आगजनी, लूट और मासूम लोगों पर हमले की घटनाओं पर लगाम लगाना होगा।’
ये भी पढ़े: … अब सहायता नहीं लोन देगी सरकार
ये भी पढ़े: तो इसलिए बढ़ी अभिभावकों की चिंता
प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी कर रहे थे और आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए। बता दें कि कल भी व्हाइट हाउस के बाहर इसी तरह का उग्र प्रदर्शन हुआ था और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बंकर में शरण लेनी पड़ी थी।
इस तरह का प्रदर्शन न्यूयॉर्क में भी हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने न्यूयॉर्क सिटी के मशहूर टाइम्स स्क्वेयर पर भी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए शहर में रात 11 से लेकर सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि 25 मई के मिनेसोटा में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी। महज 20 डॉलर के जाली नोट चलाने के आरोप में जॉर्ज को पकड़ा गया था और एक पुलिस वाले ने उसे जमीन पर गिराकर उसकी गर्दन को पांव से तब तक दबाए रखा जब तक उसकी मौत नहीं हो गई।
ये भी पढ़े: भारत को एक और झटका, मूडीज ने घटायी रेटिंग्स
ये भी पढ़े: अखिलेश ने क्यों उठाया लॉकडाउन पर सवाल
इसी घटना से अमेरिका में भारी उबाल है। ना सिर्फ अश्वेत समुदाय के लोग बल्कि श्वेत भी इसे लेकर सड़कों पर हैं। इस बीच, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग दूसरों की जिंदगी खतरे में डालेंगे उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
मिनसोटा से शुरू हुआ ये प्रदर्शन अब इतना उग्र हो गया है कि इसके चलते 21 शहरों में नेशनल गार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। सोमवार को ट्रंप ने राज्यों के गवर्नर के साथ एक मीटिंग की जिसमें वे उनसे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए कहते नज़र आए।
उधर जॉर्ज फ्लॉयड की ऑटोप्सी में सामने आया है कि पुलिसवाले ने उसकी गर्दन को घुटने से 9 मिनट से ज्यादा समय तक दबाकर रखा था। इस दौरान जॉर्ज लगातार ‘मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं’ कहता रहा लेकिन पुलिसवालों ने उसकी बात सुनने की जगह बर्बरता से उसके साथ मारपीट भी की। जॉर्ज की मौत ऑक्सीजन न मिल पाने के चलते हुई है और उसकी गर्दन पर भी घुटने से दबाने के निशान पाए गए हैं।
बता दें कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लागू होने के बाद से अभी तक तीन अश्वेतों की हत्या हो चुकी है। इनमें से दो की हत्या तो पुलिस ने ही की, जबकि एक की हत्या में दो श्वेत नागरिक शामिल पाए गए हैं।