जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में पूरी दुनिया ने भारत की वो तस्वीर देखी, जो आज तक कभी नहीं दिखा। अप्रैल-मई महीने में लोग ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, अस्पताल और दवाइयों के अभाव में सड़कों पर दम तोड़ते दिखे थे।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान खूब मौतें हुई। भले ही भारत सरकार कोरोना से चार लाख से अधिक मौतें होने का दावा कर रही हो लेकिन अमेरिकी रिपोर्ट में इससे 10 गुना अधिक होने का दावा किया गया है।
इतना ही नहीं यूएन ने भी ऐसा ही कहा था कि सरकारी आंकड़ों से कई गुना अधिक लोगों की भारत में कोरोना से मौत हुई है।
यह भी पढ़ें : यूपी : छापेमारी में खुली लखनऊ के 29 अस्पतालों की पोल
यह भी पढ़ें : …तो फिर क्या खोले जा सकते हैं प्राइमरी स्कूल
दरअसल अमेरिकी शोध समूह की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि भारत में कोरोना संक्रमण से 34 से 47 लाख मौतें हुई हैं, जो कि केंद्र सरकार के आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा है।
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अब तक कोरोना से 4,14,482 लोगों की मौत हुई है, जो दुनिया में तीसरे नंबर पर है। वहीं, अमेरिका में 609000 और ब्राजील में 542000 मौतें हुई हैं।
वहीं अमेरिकी स्टडी ग्रुप सेंटर ऑफ ग्लोबल डिवेलपमेंट की रिपोर्ट में जो दावा किया गया है, वह अब तक का सबसे अधिक है। जो किसी भी संगठन की ओर से बताया गया है।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि वास्तव में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा कई मिलियन हो सकता है। यदि इस आंकड़े को देखा जाए तो भारत में आजादी और विभाजन के बाद से यह सबसे बड़ी त्रासदी है।
यह भी पढ़ें : Corona की दूसरी लहर में क्या Oxygen की कमी से नहीं हुई एक भी मौत
यह भी पढ़ें : IND vs SL : भारत ने श्रीलंका के जबड़े से छीनी जीत
सेंटर ने अपने स्टडी में कोरोना के दौर में हुई मौतों और उससे पहले के सालों में गई जानों के आंकड़े का विश्लेषण किया है। इसके आधार पर ही सेंटर ने 2020- 2021 के दौरान मौतों का आंकड़ा निकाला है और उसे कोरोना से जोड़ते हुए सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाया है।
यह भी पढ़ें :कर्नाटक : नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच बीजेपी अध्यक्ष का ऑडियो वायरल
यह भी पढ़ें : कैडबरी की चॉकलेट में बीफ की क्या है सच्चाई?
मंगलवार को सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट स्टडी द्वारा जारी रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों, अंतरराष्ट्रीय अनुमानों, सेरोलॉजिकल रिपोर्टों और घरों में हुए सर्वे को आधार बनाया गया है।
यह भी पढ़ें : बकरीद : केरल सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट हुआ नाराज
यह भी पढ़ें : संसदीय दल की बैठक में मोदी ने क्या कहा?
इस रिपोर्ट की खास बात है कि इस रिपोर्ट के ऑथरों में मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि कोरोना से मृतकों की वास्तविक संख्या कुछ हजार या लाख नहीं बल्कि दसियों लाख है।