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वाशिंगटन। अमेरिका में भारत के राजदूत ने कहा है कि अमेरिकी मीडिया का एक तबका, खासतौर से उदारवादी धड़ा कश्मीर पर एकतरफा तस्वीर दिखा रहा है और ऐसा उन पक्षों के कहने पर किया जा रहा है जो भारतीय हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं।
भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत द्वारा पिछले महीने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला लोगों की ‘भलाई’ के लिए किया गया है।
पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में शीर्ष भारतीय राजनयिक ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ‘अराजकतावादी प्रावधान’ करार दिया, जिससे अर्थव्यवस्था का ‘दम घुट रहा था’ और पाकिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा था।
उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्यवश, अमेरिका में मीडिया के एक तबके खासतौर से उदारवादी तबके ने अपने ही कारणों से, मुद्दे के इस परिदृश्य को सामने नहीं लाने का विकल्प चुना है जबकि यह परिदृश्य बेहद महत्वपूर्ण है।’
उन्होंने कहा, ‘इसके बजाय वे तस्वीर के उस पहलू पर फोकस कर रहे हैं जिसे उन पक्षों द्वारा आगे बढ़ाया गया है जो हमारे हितों से बैर रखते हैं।’ श्रृंगला ने कहा कि उन्होंने और यहां भारतीय दूतावास ने भारत के बारे में तथ्यात्मक स्थिति को लेकर कांग्रेस सदस्यों, सीनेटरों और थिंक टैंक से संपर्क कायम करने के लिए एक व्यापक अभियान छेड़ा है।
भारतीय राजदूत के अनुसार, कश्मीर में हालिया बदलावों से माहौल बेहतर होगा और यह कदम जम्मू कश्मीर के लोगों के हित में होगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के लोगों को अपने अधिकारों को हासिल करने में मदद मिलेगी जिससे वे ‘‘दशकों से वंचित थे।’
उन्होंने कहा, ‘इस विचार से हम रूबरू कराने की कोशिश कर रहे हैं।’ श्रृंगला ने पिछले सप्ताह यूट्यूब पर एक लंबा चौड़ा वीडियो पोस्ट किया था जिसमें जम्मू कश्मीर के दर्जे में बदलावों के ‘वास्तविक कारणों’ पर रोशनी डाली गयी थी।